शिमला। हिमाचल प्रदेश में युवाओं को नशे से बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है। CM सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि चिट्टा, सिंथेटिक नशा और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं। उनका कहना है कि इन तस्करों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और जेल की सलाखों के पीछे डाला जाए।
सीमाओं और चोर रास्तों पर नाके लगाने के निर्देश
CM सुक्खू ने बाहरी राज्यों के साथ हिमाचल की सीमाओं और चोर रास्तों पर नाके लगाने का आदेश दिया है ताकि चिट्टा और अन्य नशीले पदार्थ प्रदेश में प्रवेश न कर सकें। इसके अलावा, युवाओं पर कड़ी नजर रखने की बात भी कही गई है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल से सटे राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने का निर्णय लिया है, ताकि संयुक्त अभियान चलाकर नशा तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
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पुलिस महकमे से रिपोर्ट मांगी
नशा तस्करों को पकड़ने के लिए जिलों की पुलिस के साथ CID के सक्षम अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इस अभियान में शामिल किया जाएगा। CM सुक्खू ने गृह विभाग और पुलिस महकमे से चिट्टा तस्करी पर रिपोर्ट भी मांगी है। उन्होंने पुलिस को यह निर्देश भी दिए हैं कि वे नशा तस्करों के ठिकानों पर कड़ी नजर रखें और इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई न बरतें।
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शिक्षण संस्थानों में भी नशा तस्करों का प्रभाव
पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में भी नशा तस्करों ने अपनी जड़ें जमा ली हैं। नशा तस्कर विद्यार्थियों को अपना शिकार बना रहे हैं और शिक्षा संस्थानों के आसपास नशे का कारोबार बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, हिमाचल में कई निजी नशा निवारण केंद्रों के आसपास भी तस्करों की गतिविधियां बढ़ी हैं, जो चिंता का विषय बन गया है।