शिमला। हिमाचल प्रदेश में महंगाई के बढ़ते दबाव के बीच राशन डिपो में सरसों के तेल की कमी ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है। प्रदेश के 4500 से अधिक राशन डिपो में इस महीने तेल का कोटा उपलब्ध नहीं है, जिससे लाखों उपभोक्ताओं को बाजार से महंगे दामों पर तेल की खरीद करनी पड़ रही है। पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग अब बाजार से 200 रुपए प्रति लीटर के दाम पर तेल खरीदने के लिए विवश हो गए हैं।
कब आएगा डिपो में तेल, कोई खबर नहीं
सरकारी डिपो में तेल की आपूर्ति कब तक शुरू होगी, इस बारे में उपभोक्ताओं को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही है। स्थिति यह है कि मंडी और आसपास के जिलों में पिछले कई महीनों से डिपो में सरसों का तेल उपलब्ध नहीं था, जिससे आम लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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सरकारी तेल की कीमतों में वृद्धि
बता दें कि सरकारी राशन डिपो से तेल प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं को अब महंगे दामों पर तेल मिलेगा। पहले जहां एपीएल और बीपीएल कार्डधारकों को 110 रुपए प्रति लीटर में सरसों का तेल मिल रहा था, अब वही तेल 123 रुपए प्रति लीटर पर मिलेगा। टैक्सपेयर कार्ड धारकों के लिए यह दर 129 रुपए प्रति लीटर तय की गई है।
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प्रति महीना 34 लाख लीटर की खपत
हिमाचल प्रदेश में प्रत्येक महीने 34 लाख लीटर तेल की खपत होती है, और डिपो के जरिए तेल की आपूर्ति की जाती है। लेकिन महंगाई के कारण तेल की मांग में इज़ाफा हुआ है, जिससे डिपो पर तेल की आपूर्ति में समस्या आ रही है।
बैकलॉग तेल के लिए उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ेगी अतिरिक्त राशि
सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जिन परिवारों को पिछले महीने तेल का कोटा नहीं मिला था, उन्हें इस महीने बैकलॉग कोटा मिलेगा। हालांकि, तेल के दाम बढ़ने के कारण इन परिवारों को 13 रुपए प्रति लीटर अधिक चुकाने होंगे। जुलाई में जिन उपभोक्ताओं को 110 रुपए प्रति लीटर पर तेल मिला था, उन्हें अब उसी कोटे के लिए 123 रुपए प्रति लीटर की कीमत चुकानी पड़ेगी।
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उधर, सरकार की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि तेल की आपूर्ति की स्थिति कब तक सामान्य होगी और इसके परिणामस्वरूप लोगों को बाजार में उच्च दामों पर तेल खरीदने की मजबूरी का सामना करना पड़ रहा है।