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September 13, 2024

संजौली विवाद पर नई अपडेट: जानें किसके खिलाफ होगी डिपार्टमेंट इंक्वायरी

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शिमला। राजधानी शिमला के संजौली में उपजे मस्जिद विवाद की गूंज कहीं से भी धीमी होती प्रतीत नहीं हो रही है। एक तरफ सरकार गंभीरता से कार्रवाई करने की तैयारी में दिख रही है। तो वहीं, दूसरी तरफ इस मजहबी विवाद का असर न सिर्फ शिमला जिला के अलग-अलग इलाकों बल्कि अब पूरे प्रदेश में नज़र आ रहा है। संजौली मस्जिद विवाद में नगर निगम के जिस अफसर पर मामले को गुमराह करने के आरोप लग रहे हैं, सरकार जल्द उसपर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है। इसकी जानकारी बीते कल सुक्खू सरकार के दो मंत्रियों ने दी है। इसे सरकार की तरफ से लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों में से एक के तौर पर देखा जा रहा है। यह भी पढ़ें: अवैध मस्जिद निर्माण को खिलाफ प्रदर्शन आज, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात

जानें अफसर ने कैसे किया गुमराह ?

दरअसल, शिमला नगर निगम के एक अफसर पर इस मामले को लेकर कोर्ट को गुमराह करने के आरोप लगे हैं। नगर निगम के इस जूनियर इंजिनियर ने 14 सालों तक एक फर्जी पार्टी बनाकर केस को भटकाया, जिस वजह से इसी समय के दौरान मस्जिद का अवैध हिस्सा तैयार कर लिया गया। बीते रोज़ हुई प्रेस वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने इस बारे में जानकारी दी है। विक्रमादित्य सिंह ने मामले पर बात करते हुए कहा कि संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण मामले में नगर निगम शिमला के जिन भी अफसरों या कर्मचारियों की संलिप्ता पाई जाएगी उन सभी पर एक्शन होना तय है। यह भी पढ़ें: संजौली विवाद को लेकर सर्वदलीय बैठक: जानें क्यों नहीं शामिल हुए जयराम

सरकार ने अब तक कौन से सख्त फैसले लिए

  • संजौली में प्रदर्शन को रोकने के लिए धारा 163 लगाई गई
  • 11 सितम्बर के दिन संजौली के सभी रास्तों को बंद कर बैरीकेडिंग की गई
  • हजारों की संख्या में पुलिस फ़ोर्स को तैनात किया गया
  • कमल गौतम समेत कुछ एक हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों को डीटेन करने की भी खबर आई
  • संजौली में लाठीचार्ज हुआ और वाटर कैनन भी चलाई गई
  • करीब 500 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए
  • अब अफसरों की लापरवाही पर भी एक्शन की तैयारी कर ली है
  • वेंडर पालिसी को भी बेहतर बनाने का फैसला लिया है, इसके लिए केबिनेट सब कमेटी बनाई जाएगी प्रवासी लोगों के पहचान पत्रों की फिर से जांच की जाएगी
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प्रदेश के कई हिस्सों में दिखा मस्जिद विवाद का असर

आपको बता दें कि संजौली के मस्जिद मामले के उजागर हो जाने के बाद अब इसी तरह के अन्य मामले प्रदेश भर से सामने आने लगे हैं। जहां सबसे पहले संजौली के बाद अवैध मस्जिद का मामला शिमला के ही कसुम्पटी से सामने आया था। वहीं, अब प्रदेश के मंडी जिला से भी ऐसा ही मामला सामने आया है। बीते कल मुस्लिम समुदाय के द्वारा ही मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ा जा रहा था। मगर आज मंडी का मस्जिद विवाद फिर गरमा उठा है। फिलहाल, मंडी के इस क्षेत्र में धरा 163 लागू की गई है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है। इसके साथ ही मस्जिद विवाद का असर सिरमौर जिला में भी देखने को मिला है, यहां भी कुछ एक जगहों पर प्रदर्शन देखने को मिले हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल में बर्फबारी- फंस गए दो दर्जन मजदूर, प्रशासन ने शुरू किया रेस्क्यू

संजौली मामले के क्या नया

मंडी की ही तरह संजौली में भी अप्रत्याशित घटनाक्रम के तहत मुस्लिम वेलफेयर कमेटी के सदस्यों निगम आयुक्त से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है और अवैध निर्माण को सील कर देने या खुद ही गिरा देने की इजाजत मांगी है। संजौली मामलें में यह भी जानकारी निकलकर सामने आई है कि मल्याणा में जिन मुस्लिम युवकों ने स्थानीय व्यक्ति से मारपीट की थी, वो इलाके में पहचान छुपा कर काम कर रहे थे। मुजफ्फरनगर के रहने वाले मुख्यारोपी गुलनवाज अंसारी ने अपना हिंदू नाम कुणाल रखा था। मामले में पुलिस की ढीली वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए गए हैं। इस मामले में नेता विपक्ष जयराम ठाकुर और पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। नेता विपक्ष पर मस्जिद निर्माण के लिए 12 लाख की राशि देने और तत्कालीन शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज पर मस्जिद की पैरवी के आरोप हैं।

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