शिमला। हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HRTC) की पहली महिला चालक सीमा ठाकुर बीते छह महीने से ड्यूटी पर नहीं आ रही हैं। जिसके कारण सोशल मीडिया पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर वकील विनय शर्मा ने इस मामले पर सवाल उठाए है और अब HRTC प्रबंधन ने भी इस पर अपनी सफाई दी है।
वोल्वो बस चलाते वक्त हुईं दो गंभीर दुर्घटनाएं
उधर, HRTC के कार्यकारी निदेशक डॉ. मुरारी लाल ने बताया कि सीमा ठाकुर ने 5 मई 2016 को शिमला लोकल यूनिट में चालक के रूप में अपनी सेवाएं शुरू की थी। बाद में उन्हें वोल्वो बस चलाने के लिए बैंगलुरु भेजा गया। लेकिन वोल्वो बस चलाते समय सीमा ठाकुर से दो गंभीर दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित लापरवाही शामिल थी। इसके बाद, विभाग ने उन्हें शिमला लोकल डिपो में ट्रांसफर कर दिया और स्थानीय बस सेवा में तैनात किया।
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निलंबन से बचीं, छुट्टी के बाद भी ड्यूटी पर नहीं आईं
वहीं, HRTC प्रबंधन ने बताया कि दुर्घटनाओं के बावजूद महिला होने के कारण उन्हें निलंबित नहीं किया गया और 8 जुलाई 2024 को उनका ट्रांसफर किया गया। हालांकि, इसके बाद से उन्होंने ड्यूटी जॉइन नहीं की। विभाग ने एक महीने की छुट्टी भी दी, जो 1 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो गई, लेकिन सीमा ठाकुर ने न तो ड्यूटी जॉइन की और न ही विभाग के नोटिसों का जवाब दिया।
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वकील विनय शर्मा का आरोप
इस मामले को लेकर विनय शर्मा ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा कि सीमा ठाकुर को बिना किसी दोष के घर बिठा दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री अपनी बेटियों के लिए संवेदनशील होते हैं, लेकिन गरीब परिवारों की बेटियों के साथ इस तरह का भेदभाव किया जाता है।
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विनय शर्मा ने यह भी कहा कि सीमा के साथ किए गए इस व्यवहार को लेकर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। बता दें कि सीमा ठाकुर सोलन के अर्की की रहने वाली हैं और HRTC की पहली महिला चालक हैं। उनके पिता भी HRTC में चालक रहे हैं।