शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का फैसला लिया है। सरकार ने बिजली दरों में वृद्धि न करने का निर्णय लिया है, हालांकि एक जनवरी से क्लास वन और टू स्तर के अधिकारियों की बिजली सब्सिडी बंद कर दी गई है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद भी अपने पांच बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़कर इस पहल की शुरुआत की है।
स्वेच्छा से भी सब्सिडी छोड़ने का आग्रह
सीएम सुक्खू ने लोगों से स्वेच्छा से भी अपनी बिजली सब्सिडी छोड़ने की अपील की है, जिससे सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। इस फैसले से बिजली के बिल में वृद्धि का कोई असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा।
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सरकार नहीं बढ़ाएगी कीमतें
हालांकि, बिजली बोर्ड ने पहले राज्य विद्युत विनियामक आयोग में 70 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली दरों में वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन अब सरकार ने बिजली दरों को बढ़ाने का विरोध किया है। सरकार का कहना है कि इस साल अप्रैल से बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी और जल्द ही बिजली बोर्ड की ओर से इस पर रिव्यू याचिका दायर की जाएगी।
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बिजली बोर्ड को 100 करोड़ रुपये का फंड़
इसके साथ ही, सीएम सुक्खू ने बिजली बोर्ड को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड भी प्रदान किया है, जिससे बोर्ड की वित्तीय स्थिति को संभाला जा सके और उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं पड़े।
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ये देंगे बिना सब्सिडी वाला बिल
बता दें कि सरकार ने क्लास वन और टू स्तर के प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और सैन्य अधिकारियों की बिजली सब्सिडी भी बंद कर दी है। फरवरी से इन अधिकारियों को बिना सब्सिडी के बिल भेजे जाएंगे। बता दें कि ये जनवरी में उपभोग की गई बिजली के लिए जारी किए जाएंगे।