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October 2, 2024

विक्रमादित्य सिंह के विभाग का हाल: मल्टी टास्क वर्कर बने बाबू, CM से शिकायत

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी सरकारी विभागों में मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती की जाती है. जिसके बाद अब यह मल्टी टास्क वर्कर विभागों के दफ्तरों के बाबू बनकर काम करने लगे हैं. नतीजतन यह मल्टी टास्क वर्कर फील्ड के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं और अब इससे फील्ड वर्क जैसे सड़कों,भवनों आदि के निर्माण कार्यों में उनकी मदद नहीं मिल पा रही है. इस मामले एक शिकायत अब मुख्यमंत्री के दफ्तर तक पहुंच गई है.

मुख्यमंत्री दफ्तर पहुंची शिकायत

लोकनिर्माण विभाग के दफ्तरों में स्टाफ की कमी के चलते मल्टी टास्क वर्कर चाय बनाने से लेकर कम्पुटर ऑपरेटर तक का कम कर रहे हैं. जिससे फील्ड में पर्याप्त मैन पॉवर नहीं है. फिल्ड में वर्करों की चल रही कमी के कर्ण एक शिकायत मुख्यमंत्री की कार्यालय तक पहुंची है. इसमें कोटखाई और कुछ अन्य मंडलों का ज़िक्र किया गया है. यह भी पढ़ें : हिमाचल : वित्तीय अनुशासन पर सख्त एक्शन की तैयारी, अफसरों पर गिर सकती है गाज!

लोक निर्माण विभाग में स्टाफ की कमी

प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के लगभग सभी मंडलों में स्टाफ की कमी दर्ज की गई है. कई अधिकारी कर्मचारी एक से ज्यादा मंडलों का कार्यभार भी संभाल रहे हैं. यही वजह है की मल्टी टास्क वर्कर रिक्तियां पूरी कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : हिमाचल- चारा लाने जंगल गया था बुजुर्ग, भालू ने पीछे से किया अटैक, फिर..

क्या कह रहे अधिकारी

इस मामले पर कोटखाई पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अखिल चौहान ने का कहना है कि मंडल में करीब 50 मल्टी टास्क वर्कर्स नियुक्त हैं. उनकी जहां जरूरत होती है, वहां नियुक्त किया जाता है. इनसे क्या काम लिया जाना है, इसे निश्चित नहीं किया गया है और इनसे कोई भी काम लिया जा सकता है. यानी इनसे कार्यालय में भी सहयोग लिया जाता है. वही पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता नरेंद्र पाल सिंह का कहना है कि जहां स्टाफ की कमी है, वहां मल्टी टास्क वर्कर्ज की नियुक्ति की है. इनसे विभाग कोई भी काम ले सकता है, अगर इन्हें कार्यालयों में ज्यादा नियुक्त किया गया है तो इसका पता किया जाएगा और उचित कदम उठाया जाएगा. यह भी पढ़ें : शिमला से डगशाई जेल तक -10 बार शिमला आए थे महात्मा गांधी, यहां जानें अनसुने किस्से

कितने है मल्टी टास्क वर्कर

लोक निर्माण विभाग में लगभग 4 हजार मल्टी टास्क वर्करों की नियुक्ति की गई है. इन्हें 4500 रुपये का मासिक मानदेय मिलता है. विभाग के काम को गति देने के लिए इनकी नियुक्ति की गई है. कई जगह तो श्रमिकों की कमी होने पर इन्हें नालियां साफ करने का भी काम दिया गया. इसी तरह से फील्ड में सड़क निर्माण में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद करने के भी इन्हें तैनात किया गया.

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