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November 30, 2024

हिमाचल में मौसम की बेरुखी बरकरार- ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी की संभावना

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ों पर अगले तीन दिन तक बारिश और बर्फबारी का अनुमान है। हालांकि, प्रदेश के अन्य सात जिलों में सूखा जारी रहने के आसार हैं। जिससे इन इलाकों में किसानों, बागवानों और पर्यटन उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वहीं, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक सकती हैं।

सूखा बना चुनौती, पेयजल संकट गहरा

प्रदेश के शिमला, सोलन, मंडी, सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना जिलों में मौसम साफ रहेगा। अगले दो सप्ताह तक यहां अच्छी बारिश या बर्फबारी की संभावना नहीं है। इससे सूखा और भी गंभीर हो गया है। प्रदेश में जल शक्ति विभाग की लगभग 9000 पेयजल योजनाओं में से 55 फीसदी योजनाओं में पानी का स्तर 15 से 20 फीसदी तक गिर चुका है, जिससे पेयजल संकट गहरा गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : कार चालक महिला ने रौंदा बुजुर्ग, दुकान पर जा रहा था बेचारा

किसान परेशान, गेहूं की बुआई पर असर

सूखा का असर कृषि पर भी पड़ा है। इस बार किसानों ने 63 फीसदी भूमि पर गेहूं की बुआई नहीं की है, जबकि हिमाचल प्रदेश में गेहूं की फसल के लिए 3.26 लाख हेक्टेयर भूमि का इस्तेमाल होता है। 15 नवंबर तक गेहूं की बुआई का उपयुक्त समय था, लेकिन सूखे के कारण किसान बुआई नहीं कर पाए। अब यदि बारिश होती भी है, तो किसानों के पास गेहूं की बुआई का समय नहीं बचा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : ओवर रनिंग से बिगड़ी थी राधव की तबीयत, परिजनों ने लगाए आरोप

सेब के बागों पर संकट, वूली एफिड कीट का हमला

सूखे के कारण सेब के बाग भी खतरे में हैं। बागों में नमी की कमी हो गई है और सूखा वूली एफिड कीट के हमले का कारण बन गया है, जिससे सेब की फसल पर संकट मंडरा रहा है। आमतौर पर बर्फबारी सेब के बागों के लिए लाभकारी होती है, क्योंकि यह कीटों और बीमारियों से बचाव करती है, लेकिन इस साल बर्फबारी तो दूर बारिश भी नहीं हो रही है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : सलाखों के पीछे बैठे तस्कर ने बताए साथियों के ठिकाने, करते थे चरस की डील

मानसून और बाद की बारिश में कमी

इस साल प्रदेश में मानसून और मानसून के बाद की बारिश सामान्य से काफी कम रही है। मानसून के दौरान 19 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि मानसून के बाद के सीजन में तो 98 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। 1 अक्टूबर से 29 नवंबर तक प्रदेश में केवल 0.7 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश 44 मिमी होने की संभावना थी

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