शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) और नगर निगम क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास होने के बाद उसे हमेशा के लिए स्वीकृति मानने का फैसला लिया है। इससे अब लोगों को पांच साल के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने और इसके लिए एक्सटेंशन लेने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी।
पहले थी समय अवधि
पहले की व्यवस्था के अनुसार, एक बार नक्शा पास होने के बाद यदि भवन निर्माण कार्य निर्धारित समय के भीतर नहीं किया जाता था। लोगों को इसके लिए आवेदन करके एक्सटेंशन लेनी पड़ती थी, साथ ही इसके लिए शुल्क भी जमा करना होता था। लेकिन अब यह झंझट समाप्त हो गया है और सरकार ने यह साफ कर दिया है कि एक बार नक्शा पास होने के बाद उसे हमेशा के लिए स्वीकृति माना जाएगा।
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हजारों लोगों को राहत
इस फैसले से हजारों लोगों को राहत मिलेगी, जो अब तक हर पांच साल में एक बार नक्शे का एक्सटेंशन लेने के लिए परेशान होते थे। अब उन्हें TCP और नगर निगम कार्यालयों में चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा।
नक्शा पास होने की प्रक्रिया में बदलाव
टीसीपी और नगर निगम में हर महीने 200 से अधिक नक्शे पास होते हैं, जिनमें से कुछ निजी प्लानरों द्वारा भी पास किए जाते हैं। हालांकि, सरकार ने निजी प्लानरों को नक्शे पास करने की शक्तियां दी हैं, लेकिन हाल ही में इन प्लानरों से संबंधित कुछ शिकायतें भी आई हैं। इसके मद्देनज़र सरकार अब इन प्लानरों से यह शक्तियां वापस लेने पर विचार कर रही है।
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नक्शा पास होने के बाद निर्माण कार्य की जिम्मेदारी
नक्शा पास होने के बाद भवन का निर्माण कार्य शुरू करना तो अनिवार्य नहीं रहेगा, लेकिन निर्माण की अंतिम स्वीकृति विभाग खुद देगा। इसका मतलब है कि अब लोग अपनी सुविधानुसार निर्माण कार्य कर सकते हैं, बशर्ते नक्शा पास हो चुका हो। सरकार के इस फैसले से न केवल लोगों को राहत मिली है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी सरलता आई है। यह कदम राज्य के विकास के लिए एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।