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November 10, 2024

हिमाचल में चिट्टा तस्करों को नहीं मिलेगी जमानत! यहां जानें पूरा मामला

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शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने जेल में बंद चिट्टा तस्करी के आरोपियों को जमानत देने पर कड़ा रुख अपनाया है। HC ने कहा कि यदि इस तरह के मामलों में आरोपियों को जल्द रिहा किया गया तो समाज में इसका गलत मैसेज जाएगा।

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न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने निचली अदालतों को निर्देश दिया है कि चिट्टा मामलों में जिन आरोपियों की जमानत नहीं हुई है उन मामलों की सुनवाई को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही अदालतों को भी इस प्रकार के मामलों में देरी न करने और समयसीमा में निर्णय देने की हिदायत दी गई है। उच्च न्यायालय ने तीन मामलों में आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी। ह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार के हाथ-पांव फूले- खत्म होती जा रही लोन लिमिट के बीच कैसे चलेगा प्रदेश?

मामलों का विवरण

  • पहला मामला: बंजार, जिला कुल्लू
  • आरोपी का नाम: छोटू लाल
  • बरामद वस्तु: 3 किलोग्राम चरस
  • कानूनी धराएं: NDPS एक्ट की धारा 20
  • मामले का विवरण: पुलिस ने छोटू लाल से 3 किलोग्राम चरस बरामद की थी। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दिसंबर 2023 में आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी इस समय से जेल में बंद है। पुलिस ने इस मामले में अदालत में चालान भी पेश कर दिया है।
  • न्यायालय का निर्णय: जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
  • दूसरा मामला: भुंतर, जिला कुल्लू
  • आरोपी का नाम: ज्ञानचंद
  • बरामद वस्त: 1.302 किलोग्राम चरस
  • कानूनी धराएं: NDPS एक्ट की धारा 20 और 29
  • मामले का विवरण: पुलिस ने ज्ञानचंद से 1.302 किलोग्राम चरस बरामद की और एफआईआर दर्ज कर आरोपी को जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया। आरोपी तब से जेल में बंद है।
  • न्यायालय का निर्णय: जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
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  • तीसरा मामला: सदर थाना, शिमला
  • आरोपी का नाम: संतोष कुमार
  • बरामद वस्तु: 7.98 ग्राम चिट्टा
  • कानूनी धराएं: NDPS एक्ट की धारा 20 और 29
  • मामले का विवरण: पुलिस ने संतोष कुमार से 7.98 ग्राम चिट्टा बरामद किया और अप्रैल 2024 में एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी तब से जेल में बंद है।
  • न्यायालय का निर्णय: जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
इन तीनों मामलों में उच्च न्यायालय ने जमानत की याचिकाएं खारिज कर दी और निचली अदालतों को निर्देश दिया कि वे इन मामलों की सुनवाई में तेजी लाएं और शीघ्र निर्णय सुनाएं।

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