शिमला। हिमाचल प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने आ रहे श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ती जा रही है, लेकिन साथ ही प्रवित्र स्थलों पर फैलाए जा रहे कूड़े का मामला गंभीर होता जा रहा है। हाल ही में मणिमहेश यात्रा समाप्त होने के बाद धौलाधार क्लीनर्ज और हीलिंग हिमालय की टीम ने 7 किलोमीटर के ट्रैक और झील के आसपास से 8,856 किलो कूड़ा एकत्र किया।
इतना कूड़ा किया इकट्ठा
बता दें कि यह सफाई अभियान 26 अगस्त से 11 सितंबर के बीच हुई यात्रा के बाद चलाया गया, जिसमें लगभग सात लाख श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इसके बाद धौलाधार क्लीनर्ज और हीलिंग हिमालय की टीम द्वारा 155 किलो टेट्रा पैक्स, 3047 किलो मल्टी लेयर प्लास्टिक, 359 किलो मेटल, 357 किलो ग्लास, 217 किलो कपड़े, और अन्य कचरे के 1787 किलो कचरा इकट्ठा किया गया।
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कचरा छोड़ वापस आ रहे श्रद्धालु
सफाई अभियान के सदस्य अरविंद शर्मा ने बताया कि इस अभियान के दौरान विभिन्न प्रकार का कचरा एकत्रित किया गया। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने न केवल अपने पवित्रता के नियमों को नकारा, बल्कि अपने पीछे बड़ी मात्रा में प्लास्टिक और अन्य कचरा भी छोड़ दिया। अरविंद ने सोशल मीडिया पर इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया और बताया कि अगला सफाई अभियान जल्द ही शुरू होगा।
कई धार्मिक स्थलों के अपवित्र कर रहे लोग
बता दें कि केवल मणिमहेश तक यह समस्या सीमित नहीं है। हाल ही में श्रीखंड महादेव यात्रा के दौरान भी बड़ी मात्रा में कचरा एकत्र किया गया था, जिसे स्थानीय टीम ने साफ किया। धार्मिक स्थलों पर बढ़ती गंदगी इस बात की ओर इशारा करती है कि श्रद्धालु अपनी जिम्मेदारियों को समझने में विफल हो रहे हैं।
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धार्मिक स्थलों की स्वच्छता बनाए रखना केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर श्रद्धालु को इस दिशा में अपना योगदान देना चाहिए। ऐसे में, अगर ये स्थिति सुधार नहीं पाई, तो हिमाचल के खूबसूरत पहाड़ों और धार्मिक स्थलों का माहौल बिगड़ जाएगा।