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November 7, 2024

हिमाचल में हवा की सेहत खराब- 5 साल का रिकॉर्ड टूटा, AQI जान चौंक जाएंगे आप

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शिमला। दिवाली के त्योहार के बाद देशभर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। वहीं, पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के कई शहरों में भी हवा की गुणवत्ता खराब हुई। खासकर दिवाली की रात पटाखों से होने वाले प्रदूषण के कारण, पांच साल में पहली बार हवा की गुणवत्ता इस स्तर पर पहुंची। प्रदेश के आठ शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 100 से ऊपर दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

सोलन के बद्दी में AQI 392, स्वास्थ्य पर गंभीर असर

हिमाचल प्रदेश के लिए यह पहली बार था जब दिवाली के बाद कोई शहर AQI की खतरनाक श्रेणी में आया। जिला सोलन के इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी में AQI 392 दर्ज किया गया, जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है। इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होता है और इसके कारण सांस संबंधी समस्याएं और अन्य शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल : नशा बेचने निकले थे दो यार, होशियारी ने पहुंचाया सलाखों के पीछे

आठ शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब

इसके अलावा, हिमाचल के कुछ अन्य शहरों की बात करें तो यहां पर AQI 100 से ऊपर दर्ज किया गया। ऊना, परवाणु, नालागढ़, धर्मशाला, पांवटा साहिब और बारोटीवाला शहर शामिल है। इन शहरों की हवा की गुणवत्ता भी खराब श्रेणी में आई है। शिमला का AQI 66 था जो कि बेहतर श्रेणी में नहीं आता है और इसे भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जा सकता है, हालांकि यह अन्य शहरों की तुलना में थोड़ा कम था। यह भी पढ़ें : हिमाचल में पाकिस्तान से आया फोन- हेलो मैं CBI ऑफिसर बोल रहा हूं, आपका बेटा…

 तीन सालों में शिमला और अन्य शहरों का AQI

साल 2020 से 2023 के बीच हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों का AQI रिकॉर्ड किया गया था, जो प्रदूषण के स्तर में बदलाव को दर्शाता है:
  • 2020 में शिमला का AQI 68 था और मनाली का AQI 102 था
  • 2021 में शिमला का AQI 40 था, जबकि बद्दी का 165 और पांवटा साहिब, नालागढ़ का AQI 100 दर्ज किया गया था।
  • 2022 में शिमला का AQI 47, धर्मशाला का 127 और कांगड़ा जिले के डमटाल का 120 दर्ज किया गया था। पांवटा साहिब का AQI 123 और नालागढ़ का 111 था।
  • 2023 में शिमला का AQI 78, धर्मशाला, पांवटा साहिब और ऊना का AQI 100 से ऊपर दर्ज किया गया। मनाली का AQI 55 और ऊना का AQI 153 था।
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हवा में जहर से नकुसान

हिमाचल प्रदेश में इस साल दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर पहले के मुकाबले काफी बढ़ा है, जो एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। हवा की गुणवत्ता का खराब होना स्वास्थ्य के लिए खतरे का संकेत है, विशेषकर अस्थमा और श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए। इन आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि प्रदेश में प्रदूषण का स्तर दीवाली के बाद और भी बढ़ जाता है, जोकि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

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