शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार को इस वर्ष प्राइवेट कंपनियों से मिलने वाली बिजली की बिक्री से अच्छा लाभ हुआ है। बता दें कि 15 नवंबर तक की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने 1550 करोड़ रुपए का बिजली व्यापार किया है। हालांकि सरकार अभी अपने निर्धारित टारगेट से कुछ पीछे है, लेकिन पिछले साल की तुलना में बिजली बिक्री में बढ़ोतरी से सरकार की कमाई में उल्लेखनीय इज़ाफा हुआ है। ऊर्जा निदेशालय के माध्यम से बिजली की खरीद-बिक्री की जाती है।
2100 करोड़ का है लक्ष्य
इस साल सरकार का लक्ष्य 2100 करोड़ रुपए है, जिसे पूरा करने के लिए अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था। हालांकि, चार महीने का वक्त अभी बाकी है, लेकिन नदियों में जल स्तर कम होने और बिजली उत्पादन में कमी के चलते टारगेट पूरा होने की संभावना कम नजर आ रही है।
इसके बावजूद, यदि टारगेट पूरा नहीं भी होता तो पिछले साल के मुकाबले सरकार की कमाई में सुधार हुआ है जो सरकार के लिए संतोषजनक है। पिछले साल बिजली बिक्री से 1400 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। जबकि इस साल 1550 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया गया है।
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टरबाइन खराब होने से भी सरकार को नुकसान हुआ
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट में भी इस बिजली बिक्री से होने वाली आय का जिक्र किया था, जो राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं, लारजी परियोजना में टरबाइन खराब होने से भी सरकार को नुकसान हुआ है। इसके अलावा, कुछ छोटे परियोजनाएं भी बरसात में प्रभावित हुईं।
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1550 करोड़ रुपए की कमाई
बड़ी परियोजनाओं से सरकार को रॉयल्टी के रूप में मुफ्त बिजली मिल रही है, जिनमें BBMC और NJPC प्रमुख हैं, जिनसे रॉयल्टी की अधिक मात्रा मिलती है। 1550 करोड़ रुपए की कमाई में इन सरकारी और निजी परियोजनाओं से प्राप्त रॉयल्टी का बड़ा योगदान है।
विभिन्न प्रोजेक्ट्स में भी अच्छा उत्पादन
हिमाचल पावर कारपोरेशन के विभिन्न प्रोजेक्ट्स में भी अच्छा उत्पादन हुआ है। काशंग परियोजना से अब तक 335 करोड़ रुपए की बिजली बेची जा चुकी है, जबकि सैंज परियोजना से 1050 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ है। सावड़ा कुड्डू परियोजना से भी 485 करोड़ रुपए की बिजली का व्यापार हुआ है।
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सरकार को हो रहा लाभ
विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च तक 2100 करोड़ रुपए का टारगेट पूरा करना मुश्किल होगा, क्योंकि इस दौरान कम उत्पादन होने की संभावना है। इससे मुफ्त बिजली रॉयल्टी में कमी आ सकती है और 400-500 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इसके बावजूद, अगर आने वाले दिनों में बिजली का बाजार भाव अच्छा होता है, तो सरकार को लाभ हो सकता है।