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May 5, 2025
हिमाचल को मिल गया यह तमगा तो स्पीति घाटी का हो जाएगा कायाकल्प, जानें क्या है मामला
वन विभाग ने केंद्र के जरिए भेजा प्रस्ताव
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शिमला। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को ने अगर हिमाचल प्रदेश को स्पीति घाटी के लिए मैन एंड बायोस्फीयर (एमएबी) का तमगा दे दिया तो राज्य के शीतकालीन मरुस्थल का कायाकल्प हो जाएगा। इसके लिए प्रदेश के वन मंत्रालय ने यूनेस्को को एक प्रस्ताव भेजा है।
बर्फानी तेंदुए की रिहाइश को बनाया आधार
प्रस्ताव में स्पीति घाटी के ठंडे मरुस्थल में बर्फानी तेंदुए की रिहाइश को आधार पर मानकर इसे मैन एंड बायोस्फीयर (एमएबी) का दर्जा मांगा गया है। वन विभाग का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के जरिए भेजा गया है। भारत सरकार की ओर से स्पीति घाटी पहले ही शीत मरुस्थल बायोस्फीयर के रूप में दर्ज है। लेकिनअगर यूनेस्को ने इस तमगा दे दिया तो घाटी का कायाकल्प करने के लिए अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से बड़ा फंड मिल सकता है।
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यह होगा बड़ा फायदा
मैन एंड बायोस्फीयर (एमएबी) का तमगा मिलने से स्पीति घाटी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के तौर पर विकसित किया जा सकेगा। इसके अलावा देश के अन्य तमाम बायोस्फीयर की तुलना में स्वीति घाटी अपनी अनूठी भौगोलिक संरचना के चलते एक अलग तरह का बायोस्फीयर बन जाएगा। अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों के पैसे से हिमाचल सरकार स्पीति घाटी को एक अलग पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित कर पाएगी, जिससे न केवल रोजगार के और अधिक अवसर मिलेंगे, बल्कि समूचे हिमालयीन क्षेत्र का विकास संभव हो सकेगा।
देश में 18 बायोस्फीयर रिजर्व
भारत में करीब 18 बायोस्फीयर रिजर्व हैं। प्रमुख बायोस्फीयरों में तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में फैला नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व, मन्नार की खाड़ी का बायोस्फीयर रिजर्व तमिलनाडु, सुंदरवन पश्चिम बंगाल, नंदा देवी उत्तराखंड, पचमढ़ी मध्यप्रदेश, सिमलिपाल ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में फैला अचानकमार-अमरकंटक और ग्रेट निकोबार बायोस्फीयर रिजर्व अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में हैं।