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September 16, 2024

हिमाचल में मंकी पॉक्स का पहला संदिग्ध मामला, स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

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हमीरपुर । हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर जिला में मंकीपॉक्स बीमारी का संदिग्ध मरीज सामने आया है। जिसके बाद व्यक्ति को जिला के डॉ राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज में दाखिल किया गया है। व्यक्ति विदेश से यात्रा कर वापिस लौटा है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग जांच में जुट गया है।

विदेश से लौटा है व्यक्ति

बताया जा रहा है कि जिला के सुजानपुर का रहने वाला व्यक्ति शनिवार को अस्पताल पहुंचा। जहां उसका सैंपल लिया गया है। सैंपल आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया है। बता दें कि संदिग्ध नौकरी करने विेदेश गया था। यह भी पढ़ें: मस्जिद विवाद के बीच शिमला पहुंची प्रियंका गांधी, पुलिस चौकन्ना कनाडा और अमेरिका में नौकरी के बाद 29 जून, 2024 को व्यक्ति वापिस हमीरपुर पहुंचा। जिसके बाद उसे अपने शरीर में फफोले की शिकायत उठी। व्यक्ति ने 14 सितंबर को मेडिकल कॉलेज हमीरपुर पहुंच कर अपनी त्वचा की जांच करवाई।

निजी क्लिनिक में करवाया इलाज

बता दें कि इससे पहले व्यक्ति ने किसी निजी क्लिनिक में भी जांच करवाई थी लेकिन उसकी त्वचा में बन रहे फफोले कम होने का नाम नहीं ले रहे थे। इसके बाद व्यक्ति ने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज में पहुंचकर चरम रोग विशेषज्ञ से जांच करवाई। यह भी पढ़ें: सेब मार्केट धड़ाम- 300 से 400 रुपये कम हुआ पेटी का दाम, बागवान हताश

क्या कहता है अस्पताल प्रबंधन

मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के प्रधानाचार्य डॉ रमेश भारती ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया है कि सुजानपुर का एक व्यक्ति विदेश यात्रा के बाद वापस प्रदेश में पहुंचा। वही, उसके शरीर में चकत्ते पाए गए। वहीं प्रधानाचार्य ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा से वापसी के बाद 21 दिन के भीतर इस तरह का कोई चरम रोग होता है तो यह मंकीपॉक्स के संक्रमण हैं। लेकिन अभी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। यह भी पढ़ें: चाबी के खेल ने फंसाया- नशे में धुत सूबेदार उठा ले गया किसी और की कार वहीं, व्यक्ति ढाई महीने से अपने घर पर है और उसके बाद उसे त्वचा में शिकायत देखने को मिली है। फिलहाल व्यक्ति को आइसोलेट कर दिया गया है। वहीं, सैंपल शिमला भेज दिए गए हैं।

क्या है मंकी पॉक्स 

मंकी पॉक्स एक वायरस जनित रोग है, जो मंकी पॉक्स वायरस के कारण होता है। यह रोग मुख्यतः अफ्रीका में पाया जाता है, लेकिन हाल ही में इसके मामले अन्य क्षेत्रों में भी देखे गए हैं। लक्षण:
  1. बुखार: अचानक बुखार होना।
  2. सिरदर्द: गंभीर सिरदर्द।
  3. पेशियों और पीठ में दर्द: आमतौर पर पेशियों और पीठ में दर्द होता है।
  4. थकावट: अत्यधिक थकावट और कमजोरी।
  5. लसिका ग्रंथियों की सूजन: लसिका ग्रंथियों में सूजन आना।
  6. चमड़ी पर चकत्ते: बुखार के कुछ दिनों बाद त्वचा पर लाल चकत्ते और दाने उभरना। ये दाने आमतौर पर चेहरे, हाथों, पैरों, और अन्य हिस्सों पर होते हैं।
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  1. हाइजीन का ध्यान रखें: हाथों को अच्छे से धोएं और सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  2. संपर्क से बचें: मंकी पॉक्स से संक्रमित लोगों से या उनके संपर्क में आए वस्त्रों और सामान से बचें।
  3. संक्रमित जानवरों से दूर रहें: जिन जानवरों में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखते हैं, उनसे दूर रहें।
  4. स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करें: अगर आपको या आपके आस-पास किसी को मंकी पॉक्स के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।

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