शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड ने आउटसोर्स पर नियुक्त 81 चालकों की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन को एक पत्र भेजकर सूचित किया है कि 1 नवंबर से चालकों की सेवाएं नहीं ली जाएंगी।
पुराने वाहनों का उपयोग बंद
इसके साथ ही, बोर्ड ने 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों का उपयोग न करने का भी फैसला किया है। इस संबंध में बोर्ड की कार्यकारी निदेशक (कार्मिक) ईशा ने कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि विभिन्न जिलों में चालकों की संख्या और उनकी सेवाओं की अब आवश्यकता नहीं है।
इन स्थानों रपर सेवाएं समाप्त
सोलन, शिमला और सिरमौर में 12, कांगड़ा-डलहौजी में 22, मंडी-कुल्लू में 17, हमीरपुर-ऊना-बिलासपुर में 16, भावानगर में 10 और दो अन्य कार्यालयों में कार्यरत चार चालकों की सेवाओं को समाप्त किया गया है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल: करवाचौथ की शॉपिंग करने गई 3 बच्चों की मां फरार- इंतजार करता रह गया पति
10-12 साल से दे रहे थे सेवाएं
आपको बता दें कि सुक्खू सरकार द्वारा निकाले गए ये ड्राइवर पिछले 10-12 साल से आउटसोर्स पर बिजली बोर्ड में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पहले सुक्खू सरकार ने राज्य बिजली बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियरों को लेकर अधीक्षण अभियंता तक के 51 फंक्शनल पदों को समाप्त करने की अधिसूचना जारी की थी। वहीं, अब सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड में सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है।
नीति बनाने की जगह नौकरी से ही निकाल दिया
हिमाचल बिजली बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट के संजोयक लोकेश ठाकुर का कहना है कि ये ड्राइवर काफी समय से कम वेतन में सेवाएं दे रहे हैं और अपने परिवरा का पालन-पोषण कर रहे हैं। सरकार को इनके लिए पॉलिसी बनानी चाहिए मगर सरकार ने तो इन्हें नौकरी से ही निकाल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और युवाओं के साथ धोखा है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल के छोटे से गांव की बेटी चंद्रिका ने पहले प्रयास में क्वालीफाई किया NET/JRF
दुर्भाग्यपूर्ण है ड्राइवरों की छंटनी का फैसला
वहीं, बिजली बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट के सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने उस कंपनी को पत्र लिखा दिया है- जिसके द्वारा ये ड्राइवर आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बोर्ड प्रबंधन से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। साथ ही बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए इंजीनियरों के पदों को भी बहाल करने का अल्टीमेटम जारी किया है।
उधर, बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार का कहना है कि ये ड्राइवर आउटसोर्स पर रखे गए थे। अब स्क्रैप पॉलिसी के तहत बिजली बोर्ड से वाहन हटा दिए गए हैं। जिसके चलते इन ड्राइवरों को भी नौकरी से निकाल दिया गया है।