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October 24, 2024

सुक्खू सरकार में मंत्री ने दी सफाई- पदों से हटाए नहीं एडजस्ट किए जा रहे हैं कर्मी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता के पदों को समाप्त किया गया है। जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से राज्या बिजली बोर्ड में वर्क टू रूल के तहत काम किया जा रहा है। इसी बीच अब तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड से संबंधित मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी है।

नहीं हटाए जा रहे कर्मी

राजेश धर्माणी ने कहा है कि बोर्ड की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए यह फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड की ओर से किसी इंजीनियर को पद से हटाया नहीं गया है बल्कि इन पदों को एडजस्ट किया जा रहा है। यह भी पढ़ें: HP पुलिस ने पकड़ा- चरस का जखीरा : हिमाचल के नहीं हैं आरोपी

क्यों लिया गया ऐसा फैसला?

धर्माणी ने कहा कि विभिन्न श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है और ये एक सामान्य प्रक्रिया है। उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए वित्तीय प्रबंधन को सदृढ़ करने के लिए उपभोक्ता हितैषी फैसले लिए जा रहे हैं।

ड्राइवरों को नौकरी से हटाया

राज्य बिजली बोर्ड की स्थिति पर बात करते हुए धर्माणी ने कहा की बिजली बोर्ड द्वारा आउटसोर्स आधार पर ड्राइवरों की सेवाएं ली जा रही हैं। बिजली बोर्ड कर्मचारियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विभिन्न कंपनियों से आउटसोर्स के जरिए कर्मचारियों से सेवाएं लेता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : MNREGA में काम कर रही महिलाएं बना सकेंगी अपना घर, सरकार देगी पैसा साल 2018 और 2021 में बोर्ड की ओर से गाड़ी ना खरीदने का फैसला लिया जा चुका है। अब नई पर्यावरण हितैषी स्क्रैप पॉलिसी के तहत प्रदेश में ई-वाहनों के संचालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के चलते स्क्रैप हो चुकी गाड़ियों के आउटसोर्स पर कार्यरत 81 ड्राइवरों को सरकार द्वारा हटा दिया गया है।

वित्तीय स्थिति सुधारने के निर्देश

आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड से संबंधित मुद्दों पर गठित उप-समिति की दूसरी बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में किए गए बदलावों के बारे में प्रतिक्रिया दी। साथ ही हिमाचल प्रदेश विद्युत विनियामक आयोग की ओर से बोर्ड को वित्तीय स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए। यह भी पढ़ें: हिमाचल : शख्स पर गिरी पेड़ की टहनी, अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने 27 अप्रैल, 2023 को सभी डिस्कॉम को सुधारों के लिए दिशा-निर्देशों जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि देश में सबसे कम खरीद लागत होने के बावजूद उपभोक्ताओं को सस्ती विद्युत आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। ऐसे में आयोग ने कर्मचारी लागत कम करने के निर्देश दिए हैं।

वर्क टू रूल के तहत हो रहा काम

विदित रहे कि, राज्य बिजली बोर्ड में कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता के पद समाप्त करने के बाद से वर्क टू रूल के तहत काम किया जा रहा है। यानी कर्मचारी उतना ही कम कर रहे हैं जितना लिखित नियमों, प्रक्रियाओं और अनुबंध में बताया गया है। इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड एम्पलाइज यूनियन ने सुक्खू सरकार को अपना फैसला वापिस लेने के लिए 28 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया हुआ है।

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