बिलासपुर। हिमाचल का एक और जवान जिंदगी की जंग हार गया है। जवान का उनके पैतृक गांव बिलासपुर जिला में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जवान को उसकी दोनों बेटियों ने मुखाग्नि दी। जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया।
बता दें कि पिछले एक माह में हिमाचल के सात जवान अपनी जिंदगी की जंग हार चुके हैं। इनमें से कोई दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ है तो वहीं कोई बीमारी से तो कई हादसे में अपनी जान गंवा चुका है। ऐसा ही अब एक और हिमाचल के बिलासपुर जिला का जवान अपनी जिंदगी की जंग हार गया है।
बिलासपुर के समोह गांव का रहने वाला था जवान
जवान 45 वर्षीय सुरेंद्र कुमार बिलासपुर जिला के तहत आते झंडूता उपमंडल के समोह गांव के रहने वाले थे। सुरेंद्र की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। वह पैरा मिल्ट्री फोर्स सीआईएसएफ में भर्ती हुए थे और मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ में तैनात थे।
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बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान ही उन्हें सीने में अचानक तेज दर्द उठा और जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया गया, उनकी मौत हो चुकी थी।
ह्रदय गति रुकने से हुई थी सुरेंद्र की मौत
सुरेन्द्र कुमार 2007 में पैरा मिल्ट्री फोर्स सीआईएसएफ में भर्ती हुए थे। वर्तमान समय में वह छत्तीसगढ़ में अपनी सेवाएं दे रहे थे। शुक्रवार को ड्यूटी के दौरान ह्रदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई। इसके बाद सीआईएसएफ के अन्य सैनिकों द्वारा सुरेन्द्र का पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया।
बेटियों ने दी थी पिता को मुखाग्नि
सुरेन्द्र की पार्थिव देह जैसे ही उनके घर पहुंची तो माहौल गमगीन हो गया। हर तरफ से चीखने चिल्लाने की आवाजें आने लगीं। जवान की अचानक मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। जवान के घर में उनकी बुजुर्ग मां के अलावा पत्नी और दो बेटियां हैं।
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सुरेन्द्र की दोनों बेटियों 16 वर्षीय अदिति और 14 वर्षीय आकृति ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। जिसे देख कर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। अंतिम संस्कार के दौरान सीआईएसएफ अधिकारियों ने सैनिक की वर्दी और तिरंगा झंडा सुरेन्द्र की बेटियों को सौंप दिया। सुरेन्द्र को अंतिम विदाई देने के लिए पूरे क्षेत्र से लोग आये थे।
हिमाचल ने एक माह में खो दिए छह जवान
29 जून को ऊा जिला के अंब में एक सेना के जवान 25 वर्षीय भरत कुमार की स्वा नदी में डूबने से मौत हो गई थी। जवान छुट्टी पर घर आया था। उसके बाद 7 जुलाई को कांगड़ा जिला के शाहपुर का बीएसएफ में तैनात 58 वर्षीय पुरुषोत्तम की जम्मू में कार हादसे में जान चली गई थी। वह अमरनाथ यात्रा की ड्यूटी पर थे। इसी तरह से 18 जुलाई को हमीरपुर जिला के लाहलड़ी के अग्निवीर निखिल डडवाल की मौत हो गई थी। इस जवान ने अपनी सर्विस गन से खुद को गोली मार ली थी।
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वहीं 21 जुलाई को कांगड़ा जिला के पंचरूखी के त्रेहल गांव के जवान राजीव कुमार की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। जवान की अभी एक साल पहले ही शादी हुई थी और उनकी पत्नी पांच माह की गर्भवती थी। इसके चार दिन बाद यानी 25 जुलाई को ऊना जिला के अंब का जवान दिलावर खान जम्मू में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया था। 27 जुलाई को कांगड़ा जिला के पंचरूत्री का 25 वर्षीय जवान अजय राणा का भी बीमारी के चलते निधन हो गया था।