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September 29, 2024

कश्मीरी सेब की लाली ने गिराई हिमाचल के सेब की कीमत- जानें मार्केट का हाल

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शिमला। हाल ही में बाहरी राज्यों की फल मंडियों में कश्मीर का सेब पहुंचने के बाद हिमाचल प्रदेश के सेब की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। इस साल हिमाचल का सेब सीजन देरी से शुरू हुआ, जिससे बाजार में सेब की मात्रा बढ़ गई है। ए-ग्रेड सेब की 20 किलो की पेटी अब 1000 से 1500 रुपए तक बिक रही है, जबकि कश्मीर के सेब आने से यह कीमत और भी गिर सकती है।

अब तक मंडियों में पहुंची इतनी पेटियां

हिमाचल से बाहर की मंडियों में सेब की निरंतर आपूर्ति हो रही है। अब तक लगभग 1 करोड़ 64 लाख 77 हजार से अधिक सेब की पेटियां विभिन्न मंडियों में पहुंच चुकी हैं। इनमें 10 किलो की पैकिंग में एक लाख से अधिक बॉक्स और 20 किलो की पैकिंग में 64 लाख से ज्यादा सेब बॉक्स शामिल हैं। शिमला-ठियोग की मंडियों में सबसे ज्यादा कारोबार हुआ है। भट्टाकुफर और पराला मंडी में सेब का अच्छा कारोबार देखा गया है। यह भी पढ़ें: हिमाचल: 2 मंत्रियों को हाईकमान की फटकार- कांग्रेस को राजनीतिक क्षति का डर

इस साल 2 करोड़ पेटियों का अनुमान

बागवानी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस पूरे सेब सीजन में लगभग 2 करोड़ सेब पेटियां बाजार में आने की उम्मीद है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले यह संख्या कम है। बागवानों के लिए समस्या यह है कि कश्मीर से सेब आने से उनकी कीमतों में कमी आ रही है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है। यह भी पढ़ें: HPU के हॉस्टल की 5वीं मंजिल से गिरा छात्र, लॉ की कर रहा था पढ़ाई

गिर सकते है सेब के दाम

सरकार की ओर से इस सीजन में आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि इस बार सेब सीजन बिना किसी बाधा के चला है। लेकिन कश्मीर से सेब आने के कारण हिमाचली सेब के दामों में गिरावट आई है। अब जबकि डिमांड कम और उत्पाद अधिक हो गया है बाजार में कीमतें और गिरने की संभावना है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : चढ़ाई पर चालक से नहीं लगा गियर, खड्ड में गिरा ईंटों से भरा ट्रक

हिमाचली सेब के दाम में गिरावट

इस बार कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों का सेब सही समय पर बाजार में पहुंचा, जिससे बागबानों को अच्छी कीमत मिली। लेकिन आने वाले दिनों में यदि कश्मीर से और सेब आने लगा, तो कीमतें और भी घट सकती हैं। ऐसे में जिन बागबानों का सेब अभी बाजार में नहीं पहुंचा है उन्हें इसके दुष्परिणाम भोगने पड़ सकते हैं। यह भी पढ़ें : कर्मचारियों को पहली अक्तूबर को मिलेगा वेतन, पेंशन के लिए करना होगा इंतजार

बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी

कुल मिलाकर, इस साल हिमाचल प्रदेश के सेब बागबानों के लिए एक चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। मंडियों में सेब की आमद बढ़ने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और इससे कीमतों में गिरावट आई है। बागबान अब इस स्थिति में सुधार के लिए उपाय तलाशने पर विचार कर रहे हैं, ताकि वे अपनी मेहनत का उचित मूल्य प्राप्त कर सकें।

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