मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की टिकरी पंचायत के CRPF के जवान ज्ञान चंद पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। ज्ञान चंद को राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। ज्ञान चंद की पत्नी ने सुहाग के जोड़े में रोते-बिलखते हुए अपने पति को विदा किया।
हर आंख हुई नम
ज्ञान चंद के परिवार की बेबसी देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। लोगों ने भारत माता की जय और ज्ञान चंद अमर रहे की नारों की गूंज के साथ ज्ञान चंद को अंतिम विदाई दी।
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रोते-बिलखते बेसुध हुई पत्नी
ज्ञान चंद की अंतिम विदाई के समय पूरे क्षेत्र में चीख-पुकार मची हुई थी। ज्ञान चंद की पत्नी रोते-बिलखते कई बार बेसुध होकर गिर पड़ी। ज्ञान चंद के दोनों बेटों ने पिता की पार्थिव देह को कांधा देकर नम आंखों से विदा किया। दोनों बेटों की अंतिम संस्कार की सभी रस्में पूरी कर मुखाग्नि दी।
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आपको बता दें कि ज्ञान चंद की दो दिन पहले तबीयत बिगड़ने के कारण मौत हो गई थी। मगर CRPF की टुकड़ी के समय पर ना पहुंचने के कारण उनका अंतिम संस्कार करने में देरी हुई। जिसके चलते अब आज सुबह सैन्य सम्मान और राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
6 दिन पहले ही आया था घर
ज्ञान चंद 6 दिन पहले ही परिवार के साथ समय बिताने के लिए घर छुट्टी पर आए थे। उनके छुट्टी पर घर आने से पूरा परिवार बहुत खुश था। मगर उन्हें क्या पता था कि यह खुशियां कुछ ही दिनों में मातम में बदल जाएंगी।
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घर पर अचानक बिगड़ी तबीयत
बताया जा रहा है कि मंगलवार को ज्ञान चंद घर पर ही थे। इस दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद परिजन उन्हें इलाज के लिए दिल्ली स्थित सैन्य अस्पताल ले जा रहे थे। मगर रास्ते में ज्ञान चंद की तबीयत ज्यादा खराब हो गई।
ऐसे में परिजन आनन-फानन में ज्ञान चंद को पालमपुर के एक अस्पताल में ले गए-जहां चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें नहीं बचाया जा सके। ज्ञान चंद ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। उनके निधन ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। जबकि, पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
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सैन्य सम्मान से अंतिम विदाई
लोगों का कहना है कि ज्ञान चंद काफी मिलनसार और शांत स्वभाव का व्यक्ति था। बताया जा रहा है कि बीते कल जवान का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ होना था। मगर CRPF की टुकड़ी के समय पर ना पहुंचने के कारण यह रस्म अधूरी रह गई। जिसके चलते अब आज उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में किया गया।
परिजनों ने बताया कि ज्ञान चंद को कैंसर हो गया था। दिल्ली के सेना अस्पताल में बीते दिनों से ज्ञान चंद का इलाज भी चल रहा था। वर्तमान में CRPF जवान ज्ञान चंद छत्तीसगढ़ में तैनात था। ज्ञान चंद के निधन से ना सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में मातम पसर गया है।
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हिमाचल ने तीन दिन में खो दिए चार जवान
बता दें कि दो दिन पहले ही ऊना जिला के जवान परमवीर भी शहीद हो गए थे। जवान परमवीर सिंह का लेह-लद्दाख में हृदय गति रुकने से निधन हुआ था। मंगलवार को ही इस जवान का भी पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था।
वहीं, कल बिलासपुर जिला के घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के कुड़साय गांव के 55 वर्षीय जवान पवन कुमार का भी अंतिम संस्कार किया गया। पवन कुमार भी सीआरपीएफ में तैनात थे और जम्मू.कश्मीर के कटरा में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनकी मौत भी हार्ट अटैक से हुई थी।
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इसके अलावा ऊना जिला के गगरेट क्षेत्र के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ जवान अब्दुल मजीद की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। जवान अब्दुल मजीद मात्र 35 साल का था। जवान तीन दिन पहले ही छुट्टी पर घर आया था। यह जवान सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर जम्मू में तैनात था।