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June 18, 2024

हिमाचल की इस गुफा के अंदर है देवताओं का वास: दीवारों से टपकता था घी

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मंडी। पहाड़ों की गोद में बसे हिमाचल प्रदेश को देवों की धरती कहा जाता है। यहां कई अविश्वसनीय रहस्य छुपे हुए हैं। जिन पर यकीन कर पाना नामुमकिन है। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश की एक ऐसी गुफा के बारे में बताएंगे, जहां की दिवारों से टपकता घी सबसे बड़ा रहस्य बना हुआ है।

आश्चर्यचकित है बेताल गुफा का इतिहास

यह गुफा मंडी जिला के उपमंडल के भौणबाड़ी में स्थित है। इस गुफा को बेताल गुफा के नाम से भी जाना जाता है। सदियों पुरानी इस गुफा के पीछे प्रचलित मान्यताओं और कहानियों पर विश्वास कर पाना मुश्किल है। इस गुफा का इतिहास हर किसी को आश्चर्यचकित कर देता है। यह भी पढ़ें: हिमाचल की इस झील में टोपी बताती है भविष्य: क्या आपने भी आजमाई है किस्मत ?

दीवारों से टपकता था देसी घी

मान्यता है कि सदियों पहले इस गुफा की छत और दीवारों से देसी घी टपकता था। इस गुफा की लंबाई लगभग 50 से 60 मीटर और ऊंचाई महज 15 से 20 फीट है। यह गुफा दो तरफ से खुलती है। इसका एक मुख चौड़ा और दूसरा मुख कम व्यास वाला है। इस गुफा के अंदर बेताल भैरावी समेत अन्य देवताओं की 15 से 20 मूर्तियां हैं।

अंदर से आती है मधुर आवाज

माना जाता है कि यह मूर्तियां जमीन से नीचे पाताल लोक में विराजमान हैं। इस गुफा के अंदर से नाले का पानी भी बहता है। जिसकी मधुर आवाज संगीत जैसी लगती है। यह भी पढ़ें: एक मां ऐसी भी: जुराबें बेचकर पाले बेसहारा बच्चे, सभी अच्छे मुकाम पर

बीमारियों का होता है इलाज

मान्यता है कि जब कोई पशु बीमार पड़ते हैं या दूध देना बंद कर देते हैं तो गुफा के पास पूजा-पाठ करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। मान्यातानुसार पशुओं के मुंहखुर व टिक्स की बीमारी से ग्रस्त होने पर स्थानीय लोग बबरू व रोगग्रस्त गाय का दूध देवता को चढ़ाते हैं। इसके बाद उसी लोटे में गुफा से बह रहे पानी को घर ले जाकर पशु पर छिड़कते हैं। ऐसा करने से पशुओं को रोग से निजात मिल जाता है।

लगती है काफी भीड़

बेताल गुफा में मौजूद बेताल भैरवी देवता का हर महीने सक्रांत वाले दिन विधिवतक पूजन किया जाता है। हर मंगलवार और रविवार को भी बेताल गुफा में देवता के दर्शन के लिए लोगों की काफी भीड़ लगी रहती है।

नहीं जीवित रहते थे पुरुष

कहा जाता है कि गुफा के आसपास के क्षेत्रों में पुरुष ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहते थे। जिस कारण इनका वंश खत्म होने की कगार पर आ गया था। इसके बाद यह लोग बेताल भैरवी की पूजा-अराधना करने लगे। इसके बाद परिवार में किसी पुरुष का आकस्मिक निधन नहीं हुआ। यह भी पढ़ें: हिमाचल: जंगल की आ.ग ने कई घर किए राख, अपना आशियाना बचाते महिला झुलसी

हर इच्छा होती थी पूरी

कहा जाता है कि अगर इस गुफा में कोई बर्तन या देसी घी मांगता था तो उसकी इच्छा जरूर पूरी होती थी। स्थानीय लोग अपने घरों में विवाह या किसी अन्य बड़े आयोजन के लिए उपयोग में लाए जाने वावे बर्तनों के लिए बेताल देवता से मांग करते थे। देवता भक्तों की मांग को पूरा कर गुफा के बाहर बर्तन छोड़ देते थे।

बंद हो गए गुफा के चमत्कार

स्थानीय लोगों के अनुसार, एक बार किसी के घर में शादी थी और घर की मुखिया के मांगने पर गुफा ने उसे काफी मात्रा में बर्तन दिए। जिसके चलते मुखिया के मन में लालच आ गया और उसने यह बर्तन वापस ही नहीं किए। इसके बाद गुफा से बर्तन मिलना बंद हो गए। साथ ही गुफा से टपकने वाला घी भी बंद हो गया।

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