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August 10, 2024

समेज के इकलौते घर में अकेली पड़ीं अनीता: बोलीं- अब मेरा मन नहीं लगता

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शिमला। रामपुर के समेज में आई बाढ़ ने पूरे गांव को तबाह कर दिया है। श्रीखंड महादेव में बादल फटने से समेज में हुई तबाही में अब सिर्फ एक घर बचा हुआ है, जिसमें रहती हैं अनीता। पूरे गांव में बचे इकलौते घर में रह रहीं अनीता का कहना है कि उनका परिवार इस आपदा में सुरक्षित जरूर बच गया लेकिन उनके आसपास रहने वाले अमूमन सभी लोग इसका शिकार बन गए।

सहेलियां-रिश्तेदार सब बह गए

अनिता का कहना है कि जिन लोगों से साथ रोज़ाना बातचीत होती थी और जिन लोगों के साथ हर छोटी बड़ी ख़ुशी और गम को साझा करतीं थी, अब वो नहीं है। अनिता की नज़रें अब जहां तक भी जातीं हैं, वहां तक बस मलबा ही नज़र आता है। यह भी पढ़ें: मलबे में नहीं मिला 30 वर्षीय हरदेव, 4 और डेढ़ साल के हैं बेटे; पत्नी के सूख गए आंसू बकौल अनीता, पहले मेरी सहेलियां और रिश्तेदार आस पास आते रहते थे, तो सब कुछ सामान्य सा था लेकिन 31 जुलाई की रात सब बादल गया।
इस तरह बचाई अनीता ने अपनी और बच्चों की जान
तबाही की उस रात को याद करते हुए अनिता कहती हैं कि उस रात उन्होंने भाग कर अपनी जान बचाई। जब बाढ़ आई तो उनका पूरा घर हिलने लगा था, जिससे उनकी नींद टूटी तो उन्होंने घर से बाहर निकल कर देखा। यह भी पढ़ें: अगले 6 दिन हिमाचल के लिए भारी, आंधी-तूफान और बारिश की चेतावनी जारी तो गांव के लोग दौड़ते हुए उनके घर तक पहुंचे हुए थे। इन लोगों ने बताया की गांव में सब कुछ तबाह हो गया है और अनिता को भी सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा। इसके बाद अनिता अपने बच्चों को लेकर जंगल की ओर चली गईं और जब सुबह वापस लौटीं तो कुछ भी पहले जैसा नहीं था।
अबतक कितनी लाशें मिलीं- कितने गायब, जानें
आपको बता दें कि समेज गांव में अभी भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। समेज से लेकर सुन्नी के कोल डैम तक कुल 15 शव बरामद किए जा चुके हैं। बीते कल 5 शव बरामद हुए थे। हालांकि, बरामद हुए 15 शवों में से अभी 3 की ही पहचान हो पाई है।

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12 अन्य शवों की पहचान के लिए डीएनए रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। बरामद शवों की पहचान के लिए अब तक 40 से ज्यादा लोगों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं, क्योंकि आपदा के कारण अधिकतर शव क्षत-विक्षत हालत में मिल रहे हैं। यह भी पढ़ें: स्कूल में पढ़ने जाती थी बच्ची: रास्ते में नीचता करता था युवक; थाने पहुंचा पिता शवों की हालत इतनी अधिक खराब है, जिससे उनकी पहचान कर पाना भी मुश्किल हो गया है। बीते 31 जुलाई की रात आई आफत की बारिश के बाद से समेज गांव के कुल 36 लोग लापता हो गए थे।

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