शिमला। हिमाचल प्रदेश में सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने पिछले कल जनरल हाउस बुलाकर एक बार फिर सरकार से सामने अपनी मांगो को रखा है। बता दें कि सरकार ने हाल ही में कर्मचारियों को 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किश्त जारी की थी। जिसे लेकर कर्मचारियों ने सरकार का आभार भी जताया है। दिवाली से पहले वेतन और पेंशन जारी कर राज्य सरकार रूठे कर्मचारियों को मनाने की कोशिश कर रही है।
यह काफी नहीं
बता दें कि पिछले कल हुए जनरल हाउस में कर्मचारी महासंघ ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदम काफी नहीं है। कर्मचारियों की मांग की सूची काफी लंबी है। कर्मचारियों ने NPS (नेशनल पेंशन स्कीम) कर्मचारियों की तर्ज पर केंद्र द्वारा महंगाई भत्ता जारी होते ही हिमाचल के कर्मचारियों को भी DA (महंगाई भत्ता) देने की मांग उठाई है, ताकि कोई भी देनदारी लंबित न रहे।
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महासंघ ने स्पष्ट किया है कि वे तब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। मुख्यमंत्री से मिलने का आश्वासन मिलने के बाद महासंघ अपनी अगली रणनीति तैयार करेगा।
प्रिविलेज मोशन वापसी की मांग
वहीं, कर्मचारी नेताओं के खिलाफ लाए गए प्रिविलेज मोशन को वापस लेने की मांग की है। बता दें कि कर्मचारियों के खिलाफ मंत्री राजेश धर्माणी द्वारा लाया गया विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया था। जिसकी खिलाफत लगातार कर्मचारी संघ करता आ रहा था।
क्या है प्रमुख मांगें
संशोधित वेतनमान का बकाया एरियर: महासंघ ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के संशोधित वेतनमान का बकाया एरियर जारी किया जाए।
अनुबंध कर्मचारियों की नियमितीकरण: अनुबंध कर्मचारियों को हर साल दो बार नियमित किया जाए, ताकि उन्हें स्थायी नौकरी का लाभ मिल सके।
करुणामूलक नियुक्तियों की मांग: करुणामूलक आधार पर योग्य उम्मीदवारों को नौकरी देने का प्रावधान किया जाए।
खाली पदों की भर्ती: सचिवालय में मौजूद खाली पदों को भरा जाए, ताकि कार्य संचालन में कोई बाधा न आए।
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भर्ती प्रक्रिया में सुधार: आउटसोर्सिंग की बजाय भर्ती और पदोन्नति नियमों के तहत भर्ती की प्रक्रिया लागू की जाए।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत की मांग
बता दें कि गेट मीटिंग के बहाने भी सचिवालय कर्मचारियों ने ढेरों मांगें उठा लीं। सचिवालय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष टेकराम ने कहा कि उन्होंने महंगाई भत्ते की किश्त जारी करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया, लेकिन पदोन्नति की लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
बकाया एरियर जल्द मिले
राज्य सचिवालय चालक संघ के अध्यक्ष अमरजीत ने बकाया एरियर जारी करने की मांग की और कहा कि डीए के बाद सरकार को इसे भी प्राथमिकता से जारी करना चाहिए।
सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के महासचिव कमल शर्मा ने ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर 600 खाली पदों को भरने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि आउटसोर्सिंग की नीति को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
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महासंघ के सदस्य बोधराज चंदेल ने कहा कि कर्मचारियों की एकजुटता के कारण ही डीए की मांग पूरी हुई है। अधिकारी एसोसिएशन की अध्यक्ष गीता शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों को अपनी मांगों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति नाराजगी व्यक्त की, यह बताते हुए कि परिवार में मतभेद होते रहते हैं।