शिमला। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ‘दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान’ के निर्माण की योजना को अंतिम रूप दिया गया है। बता दें कि यह भारत का पहला इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्रमाणित चिड़ियाघर होगा। इस परियोजना का कुल बजट 619 करोड़ रुपये रखा गया है, जिसमें पहले चरण के लिए 230 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह चिड़ियाघर बनखंडी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। बता दें कि 75 तरह के जानवरों को रखा जाएगा, जिसमें एशियाई शेर और मगरमच्छ शामिल हैं।
पर्यटन को मिलेगी उड़ान
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि यह चिड़ियाघर न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि यह संरक्षण और नवाचार का अनूठा उदाहरण भी पेश करेगा। उन्होंने कहा कि दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान पर्यटकों के लिए एक नई गंतव्य के रूप में उभरेगा, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को नया पंख मिलेगा।
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34 पशुओं के बनेंगे बेड़े
बता दें कि यह चिड़ियाघर पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा, जिसमें विशेष ध्यान भवनों और परिदृश्य पर दिया जाएगा। इसमें जैव विविधता को सुनिश्चित करने के लिए 34 पशुओं के बेड़े का निर्माण किया जाएगा और इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है। चिड़ियाघर में एक नॉक्टर्नल हाउस भी बनाया जाएगा, जिसमें बिल्लियों की विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित किया जाएगा, साथ ही एक वेटलैंड एवियरी में स्वदेशी पक्षियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
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कांगड़ा बनेगी पर्यटन राजधानी
सीएम ने इस प्रोजेक्ट को कांगड़ा जिले की अद्वितीय सुंदरता और राज्य सरकार द्वारा स्थापित की जा रही पर्यावरणीय अनुकूल अधोसंरचना के संदर्भ में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह प्राणी उद्यान क्षेत्र की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और युवाओं के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।
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वहीं, कांगड़ा जिले को ‘पर्यटन राजधानी’ के रूप में स्थापित करने के लिए राज्य सरकार की यह पहल इको-टूरिज्म और सतत विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि दुर्गेश अरण्य प्राणी उद्यान कांगड़ा जिले में पर्यटन को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाएगा, जिससे स्थानीय समुदाय को भी लाभ होगा। इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन 2025 की तीसरी तिमाही तक होने की संभावना है, जिससे यह एक नई दिशा में पर्यटन को बढ़ावा देने का कार्य करेगा।