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May 10, 2025
भारत-पाक तनाव के बीच बॉर्डर पर मोर्चा संभाल सकते हैं अनुराग ठाकुर सहित यह प्रमुख हस्तियां
केंद्र सरकार ने सेना प्रमुख को टेरिटोरियल आर्मी की सेवाएं लेने का दिया अधिकार
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हमीरपुर। भारत पाकिस्तान के बीच जंग जैसे हालात बने हुए हैं। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान सीमा पर लगातार गोलीबारी कर रहा है और ड्रोन के माध्यम से मिसाइल हमले कर रहा है। हालांकि भारतीय सेना पाकिस्तान के इन मिसाइल हमलों को हवा में ही नष्ट कर दे रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
केंद्र सरकार ने भारत पाक तनाव को देखते हुए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी को को प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) के अधिकारियों की भी मदद के लिए जुटाने का अधिकार दे दिया है। ऐसे में अब अगर जरूरत पड़ी तो खेल और राजनीतिक जगत की कई बड़ी हस्तियों को बॉर्डर पर मोर्चा संभालने के लिए बुलाया जा सकता है। जिसमें हिमाचल के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तंदुलकर, निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, अभिनेता मोहनलाल सहित कई अन्य लोग शामिल हैं।
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केंद्र सरकार ने इसको लेकर बीते रोज 9 मई 2025 को एक अधिसूचना जारी कर भारतीय सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना नियमों के तहत विशेष शक्तियां प्रदान की हैं। केंद्र सरकार के यह आदेश अगले तीन सालों के लिए वैध्य होंगे। यानी इस संबंध में 6 मई को जारी आदेश 9 फरवरी, 2028 तक प्रभावी रहेंगे।
आदेशों में कहा गया है कि टेरिटोरियल आर्मी की मौजूदा 32 इन्फेंट्री बटालियनों में से 14 इन्फेंट्री बटालियनों को दक्षिणी कमान, पूर्वी कमान, पश्चिमी कमान, मध्य कमान, उत्तरी कमान, दक्षिण पश्चिमी कमान, अंडमान व निकोबार कमान और सेना प्रशिक्षण कमान क्षेत्रों में तैनाती के लिए शामिल किया जा सकता है। हालांकि आदेशों में यह भी कहा गया है कि इन इन बटालियनों की तैनाती तभी होगी जब बजट में इसके लिए पैसे उपलब्ध होंगे।
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी प्रादेशिक सेना में कैप्टन के पद पर तैनात हैं। अनुराग ठाकुर साल 2016 में टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुए थे। उसके पांच साल बाद साल 2021 में अनुराग ठाकुर कैप्टन के पद पर प्रमोट हुए थे। ऐसे में अब अगर प्रादेशिक सेना को बॉर्डर पर बुलाया जाता है तो अनुराग ठाकुर भी आने वाले समय में दुश्मनों से लोहा लेते दिख सकते हैं।
इसी तरह से भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टनेंट कर्नल की उपाधि से सम्मानित किया गया था। वे 106 टीए बटालियन (पैरा), पैराशूट रेजिमेंट का हिस्सा हैं। इसी तरह से क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भारतीय वायुसेना ने 2010 में मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि दी थी और वह प्रादेशिक सेना से भी जुड़े रहे हैं।
भारत के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भी प्रादेशिक सेना में मेजर के पद पर तैनात हैं। ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट और पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे राज्यवर्धन सिंह राठौर भी प्रादेशिक सेना का हिस्सा हैं। उन्होंने कारगिल युद्ध में भी भाग लिया था।
फिल्म अभिनेता मोहनलाल भी टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में जुड़े हैं और उन्हें यह सम्मान 2009 में दिया गया। कांग्रेस के प्रमुख नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी प्रादेशिक सेना का हिस्सा हैं। वह नियमित कमीशंड अधिकारी हैं। 2012 में कमीशन प्राप्त करने वाले पायलट पहले केंद्रीय मंत्री हैं, जिन्होंने प्रादेशिक सेना में नियमित अधिकारी के रूप में सेवा की। इसी तरह से सचिन
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बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब प्रादेशिक सेना की सेवाएं लेने का अधिकार दिया गया है। इससे पहले भी प्रादेशिक सेना के अधिकारियों को 1962, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में तैनात किया गया था। यह आतंकवाद विरोधी अभियानों, आपदा राहत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देती है।