सिरमौर। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर स्थित पांवटा साहिब के भरली गांव के शहीद आशीष कुमार का अंतिम संस्कार यमुना तट पर स्थित स्वर्गधाम में हुआ। नम आंखों के साथ हजारों लोगों ने स्वर्गधाम पहुंच शहीद को अश्रुपूर्ण विदाई दी।
भाइयों ने दी मुखाग्नि
शहीद आशीष की चिता को उनके भाइयों ने मुखाग्नि दी। सैन्य सम्मान के बीच शहीद आशीष की अंतिम यात्रा उनके घर से स्वर्गधाम तक चली। इस दौरान शहीद की मां संतरो देवी को शहीद पर लिपटा तिरंगा सौंपा गया।
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स्वर्गधाम में भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा साहिब, शिलाई के पदाधिकारी, एसडीएम गुंजित सिंह चीमा, तहसीलदार ऋषभ शर्मा, DySP अदिति और सैन्य अधिकारी मौजूद रहे। गौर रहे कि अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान एक ट्रक गहरी खाई में गिर गया, जिसमें तीन सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। इनमें पांवटा साहिब का जवान आशीष कुमार भी शामिल था।
आज सुबह घर पहुंची थी देह
बता दें कि 25 वर्षीय वीर सपूत आशीष कुमार की देह आज उनके पैतृक गांव भरली पहुंची थी। आज सुबह 6 बजे आशीष की पार्थिव देह पांवटा साहिब पहुंच गई थी। 8 बजे के आसपास उनकी पार्थिव देह उनके गांव भरली गांव पहुंची।
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परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
परिवारजन अपने लाडले के जाने पर फूट-फूटकर रो रहे। परिवारजनों ने 25 साल का बेटा खोया है। माता का ढांढस बंधाने के लिए दूर दराज क्षेत्र से लोग पहुंचे।शहीद के पिता का पहले ही देहांत हो गया है। अब मां ने अपने बेटे को भी खो दिया।
ऑपरेशन अलर्ट का हिस्सा थे आशीष
आशीष करीब 6 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में आशीष 19 ग्रेनेडियर यूनिट में सेवारत थे। गिरीपार क्षेत्र की शिवा पंचायत के भरली गांव के आशीष कुमार का जन्म 14 मार्च, 1999 को हुआ था। आशीष के पिता का पहले ही निधन हो चुका है।
आशीष अपने पीछे मां, बड़े भाई राहुल, जुड़वां भाई रोहित और बहन पूजा को छोड़ गए हैं। आशीष का जुड़वां भाई रोहित निजी कंपनी में सेवारत है। जबकि, पूजा वनरक्षक है।
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शादी के सपने संजो रही थी मां
बताया जा रहा है कि आशीष का मां आशीष की शादी करवाने के सपने संजो रही थीं। आशीष की मां को फोन पर सूचना मिली कि आशीष मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए शहीद हो गए हैं।
क्या है ऑपरेशन अलर्ट?
आपको बता दें कि ऑपरेशन अलर्ट वहां चलाया जाता है- जहां भौगोलिक परिस्थितियों में सीमा पार से घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। ऐसे में गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए ऑपरेशन अलर्ट चलाया जाता है।