शिमला। हिमाचल प्रदेश में खाद्य वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिसके कारण गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले परिवारों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। उधर, केंद्र सरकार ने APL (Above Poverty Line) परिवारों के लिए सस्ते राशन के कोटे में कटौती का निर्णय लिया है।
हिमाचल को अक्टूबर महीने के लिए केंद्र ने सस्ते राशन का आवंटन किया है. उसमें चावल और गेहूं की मात्रा घटाई गई है। ऐसे में महंगाई के इस मुश्किल दौर में आने वाले समय में मध्यम वर्ग के परिवारों की परेशानी बढ़ सकती है।
राशन में होगी कटौती
बता दें कि अक्टूबर महीने के लिए केंद्र द्वारा हिमाचल को कुल 20,542 मीट्रिक टन राशन आवंटित किया गया है। इस आवंटन में 14,179 मीट्रिक टन गेहूं और 6,363 मीट्रिक टन चावल शामिल हैं।
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यह आंकड़ा सितंबर के लिए आवंटित राशन की मात्रा से 410 मीट्रिक टन कम है, जबकि कुल 20,952 मीट्रिक टन राशन उपलब्ध था। आगामी समय में APL परिवारों को मिलने वाले सस्ते राशन में और कटौती हो सकती है।
हिमाचल में इतने राशन धारक
हिमाचल प्रदेश कृषि उत्पादन में सीमित है और यहां अधिकांश परिवार सस्ते राशन पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में राशन की मात्रा में कमी से खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है। राज्य के कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है, जिनमें से 12,24,448 एपीएल परिवार शामिल हैं। APL कार्ड धारकों की संख्या 11,52,003 है, और 72,445 APL परिवार टैक्स पेयर हैं। यह आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि मध्यम वर्ग के परिवारों को इस स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
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APL के राशन में कटौती
महंगाई के इस कठिन दौर में राशन की कमी और बढ़ती कीमतें आम आदमी के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। पिछले साल से APL परिवारों को प्रति राशन कार्ड 14 किलो आटा और 6 किलो चावल मिल रहा था, लेकिन अब इस कोटे में कटौती की जा रही है, जिससे परिवारों को उचित मात्रा में राशन उपलब्ध नहीं हो सकेगा। इससे यह भी साबित होता है कि महंगाई के इस दौर में मध्यम वर्ग की स्थितियों में और गिरावट आ सकती है।