शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेशों की कॉपी निगर निगम प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को भेज दी है। नगर निगम ने मस्जिद कमेटी को अवैध निर्माण गिराने के आदेश दिए हैं।
मस्जिद कमेटी को तोड़ना होगा अवैध निर्माण
नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले के मुताबिक, संजौली में मस्जिद का अवैध निर्माण मस्जिद कमेटी की ओर से किया गया है। ऐसे में मस्जिद कमेटी को अपने खर्च पर खुद ही अवैध निर्माण को गिराना होगा।
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दो महीने का दिया समय
नगर निगम से अवैध निर्माण तोड़ने के लिए दो महीने का समय दिया है। वहीं, अगर तय समय में मस्जिद कमेटी अवैध निर्माण को नहीं गिराता है तो नगर निगम खुद इस अवैध निर्माण को तोडे़गा। मगर इसका खर्चा मस्जिद कमेटी को वहन करना पड़ेगा। मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।
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कैसे तोड़ेंगे अवैध निर्माण?
विदित रहे कि नगर निगम ने मस्जिद कमोटी को बीते कल अवैध निर्माण तोड़ने के आदेशों की कॉपी भेजी थी। मगर आज दश्हरा और कल रविवार की छुट्टी होने के चलते कमेटी को ये कॉपी सोमवार को ही मिल पाएगी।
उधर, मस्जिद कमेटी का कहना है कि नगर निगम फैसले पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक भी बुलाई गई है। बैठक में मस्जिद की अवैध मंजिलों को कैसे तोड़ना है इस पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
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सामाजिक तनाव बढ़ा
संजौली में इस मस्जिद को लेकर हाल में तनाव बढ़ गया है। बता दें कि 31 अगस्त को मल्याणा क्षेत्र से ये विवाद शुरू हुआ में एक व्यक्ति के साथ मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों की मारपीट हुई थी, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किए।
उन्होंने इसे अवैध बताते हुए गिराने की मांग की। इस घटनाक्रम के चलते पूरे प्रदेश में तनाव फैल गया और कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। इसी बीच लोगों ने मस्जिद मामले में गिराने के फैसले का स्वागत किया था। लेकिन, इसी बीच एक नए विवाद ने शिमला की फिजाओं में गरमाहट बढ़ा दी है।
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स्थानीय निवासियों की चिंताएं
उधर, संजौली के स्थानीय निवासियों का कहना है कि मस्जिद का आकार बढ़ने से इलाके में चलने-फिरने में समस्या आ रही है। 73 वर्षीय श्याम लाल ने बताया कि पहले यहां केवल दो मंजिला मस्जिद थी, लेकिन अब बाहरी लोगों की बढ़ती संख्या के कारण यह 5 मंजिल की हो गई है। स्थानीय लोगों की चिंता है कि इससे उनकी सुरक्षा और शांति पर खतरा बढ़ सकता है।
हाईकोर्ट में चुनौती
ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने अब हाईकोर्ट में जाने की योजना बनाई है। हाशमी का कहना है कि आयुक्त ने कुछ व्यक्तियों की राय के आधार पर एकतरफा फैसला सुनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिद को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है और इसका विरोध किया जाएगा।