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October 2, 2024

हिमाचल: 56 साल बर्फ में दबा रहा फौजी मुंशीराम, अब नसीब होगी गांव की मिट्टी

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काजा, रेवाड़ी। हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में आज से 56 साल पहले यानी 7 फरवरी 1968 को एक विमान हादसा हुआ था। इस विमान हादसे में भारतीय सेना के कई जवानों के शव बर्फ में दफन हो गए थे। अब 56 साल बाद बर्फ में दबे चार फौजी जवानों के अवशेष बरामद किए गए हैं। भारतीय सेना ने इन जवानों के अवशेषों को कब्जे में लेकर स्पीति के काजा में पहुंचा दिया है।

56 साल बाद मिले चार जवानों के शव

इन चार शवों में एक शव हरियाणा जिला के रेवाड़ी के सिपाही मुंशीराम का भी शामिल है। जवान मुंशीराम के अवशेष मिलने की सूचना जैसे ही उनके घर पर दी गई तो परिजन हैरान रह गए। क्यांेकि परिजनों ने कभी उम्मीद ही नहीं की थी कि सिपाही मुंशीराम का शव इतने साल बाद मिल जाएगा। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने सभी शवों की पहचान कर ली है।

इन जवानों के मिले अवशेष

  • उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायण सिंह के भी मिले अवशेष
  • केरल के पथानामथिट्टा निवासी 22 वर्षीय थॉमस चेरियन के भी मिले अवशेष
  • हरियाणा के रेवाड़ी के फौजी मुंशीराम के अवशेष मिले
  • चौथे शव के बारे में आशंका जताई जा रही है कि वह रन्नी के एक सैनिक पीएस जोसेफ का हो सकता है

परिजनों को सौंपे जाएंगे फौजी मुंशीराम के अवशेष

शहीद मुंशीराम के अवशेष जल्द ही उनके पैतृक गांव पहुंचाए जाएंगे। रेवाड़ी के डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि सैन्य अभियान दल ने बर्फ से ढके पहाड़ों से चार शव बरामद किए हैं। इन शवों में शहीद मुंशीराम के अवशेष भी हैं। उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही उनके गांव में लाया जाएगा। भारतीय सेना के अधिकारियों के अनुसार इन अवशेषों को भारतीय थलसेना के डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू की संयुक्त टीम ने रेस्क्यू किया है। यह भी पढ़ें : यह भी पढ़ें : 4 शादियां…. 20 बच्चे: समुदाय विशेष पर शांता कुमार का बड़ा बयान

फौजी मुंशीराम के भाई को दी जानकारी

शहीद मुंशीराम रेवाडी की बावल तहसील के गांव गुर्जर माजरी के रहने वाले थे। उनके परिवार की बात करें तो उनके पिता का नाम भज्जूराम, माता का नाम राम प्यारी, पत्नी का नाम श्रीमति पार्वती देवी है। भारतीय सेना की ओर से स्वर्गीय मुंशीराम के भाई कैलाश चंद को इस संबंध में सूचना दे दी गई है। अब स्वर्गीय मुंशीराम के अवशेष उनके पैतृक गांव पहुंचाए जाएंगे और उरके परिजनों को सौंपे जाएंगे। यह भी पढ़ें : शिमला से डगशाई जेल तक -10 बार शिमला आए थे महात्मा गांधी, यहां जानें अनसुने किस्से

7 फरवरी 1968 को रोहतांग में क्रैश हुआ था विमान

बता दें यह हादसा 7 फरवरी 1968 को रोहतांग के पास हुआ था। जब एक भारतीय एयरफोर्स के विमान एएन-12 ने चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरी थी। इस विमान में 102 लोग सवार थे। जिसमें स्वर्गीय मुंशीराम भी शामिल था। लेकिन हिमाचल के रोहतांग दर्रे के पास पहुंचते ही विमान का संपर्क टूट गया और बातल के ऊपर चंद्रभागा रैंज में विमान क्रैश हो गया था। यह भी पढ़ें : हिमाचल- ग्राम सभा में नहीं शामिल हुआ 1500 वाला मुद्दा, 9 एजेंडे तय- जानें डिटेल

2003 में मिला था क्रैश हुए विमान का म्लबा

बताया जा रहा है कि काफी समय तक क्रैश हुए विमान का म्लबा ही नहीं मिल पाया था। साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के पर्वतारोहियों ने विमान के मलबे को खोजा था। बाद में सेना, खासकर डोगरा स्काउट्स ने कई अभियान चलाए और 2005, 2006, 2013 और 2019 में सर्च ऑपरेशन चलाकर पांच शवों को बरामद किया था। हालांकि इस दौरान मनाली के कई ट्रैकर्स ने भी विमान के मलबे को स्पॉट किया था। यह भी पढ़ें: कंगना ने लिखा- देश के पिता नहीं, लाल होते हैं: बयान से मचा बवाल

पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे अवशेष

लाहौस स्पीति के एसपी मयंक चौधरी ने बताया कि कि चंद्रभागा रैंज से चार जवानों के शवों को बरामद किया गया है। इन्हें काजा के लोसर ले जाया गया है और वहां पर मेडिकल टीम के अलावा, पुलिस की टीम भी मौजूद है। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को ये शव सौंपे जाएंगे।

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