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October 21, 2024

हिमाचल बिजली बोर्ड ने 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाला, पहले इंजीनियरों के पद किए थे खत्म

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शिमला। हिमाचल सरकार जहां एक तरफ त्योहारी सीजन पर कर्मचारियों को सौगातें बांट रही है। वहीं, दूसरी तरफ बिजली बोर्ड पर सरकार ने बड़ा झटका दिया है। सुक्खू सरकार ने राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए बड़ा फैसला लिया है। हिमाचल सरकार ने राज्य बिजली बोर्ड में इंजीनियरों के 51 फंक्शनल पदों को खत्म करने के बाद अब 81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाल दिया है। सुक्खू सरकार के इस फैसले के बाद आउटसोर्स कर्मियों में हड़कंप मच गया है। यह भी पढ़ें : हिमाचल: करवाचौथ की शॉपिंग करने गई 3 बच्चों की मां फरार- इंतजार करता रह गया पति

81 ड्राइवरों को नौकरी से निकाला

सुक्खू सरकार के इस फैसले से कर्मचारी सुक्खू सरकार से काफी नाखुश हैं। इसी के चलते हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इम्पलॉइज एंड इंजीनियर ज्वाइंट फ्रंट ने सुक्खू सरकार को जल्द ये फैसला वापस लेने को लेकर अल्टीमेटम जारी किया है।

10-12 साल से दे रहे थे सेवाएं

आपको बता दें कि सुक्खू सरकार द्वारा निकाले गए ये ड्राइवर पिछले 10-12 साल से आउटसोर्स पर बिजली बोर्ड में अपनी सेवाएं दे रहे थे। पहले सुक्खू सरकार ने राज्य बिजली बोर्ड में असिस्टेंट इंजीनियरों को लेकर अधीक्षण अभियंता तक के 51 फंक्शनल पदों को समाप्त करने की अधिसूचना जारी की थी। वहीं, अब सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड में सेवाएं दे रहे 81 ड्राइवरों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है।

नीति बनाने की जगह नौकरी से ही निकाल दिया

हिमाचल बिजली बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट के संजोयक लोकेश ठाकुर का कहना है कि ये ड्राइवर काफी समय से कम वेतन में सेवाएं दे रहे हैं और अपने परिवरा का पालन-पोषण कर रहे हैं। सरकार को इनके लिए पॉलिसी बनानी चाहिए मगर सरकार ने तो इन्हें नौकरी से ही निकाल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और युवाओं के साथ धोखा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल के छोटे से गांव की बेटी चंद्रिका ने पहले प्रयास में क्वालीफाई किया NET/JRF

दुर्भाग्यपूर्ण है ड्राइवरों की छंटनी का फैसला

वहीं, बिजली बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट के सह-संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन ने उस कंपनी को पत्र लिखा दिया है- जिसके द्वारा ये ड्राइवर आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बोर्ड प्रबंधन से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है। साथ ही बिजली बोर्ड में समाप्त किए गए इंजीनियरों के पदों को भी बहाल करने का अल्टीमेटम जारी किया है। उधर, बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार का कहना है कि ये ड्राइवर आउटसोर्स पर रखे गए थे। अब स्क्रैप पॉलिसी के तहत बिजली बोर्ड से वाहन हटा दिए गए हैं। जिसके चलते इन ड्राइवरों को भी नौकरी से निकाल दिया गया है।

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