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September 7, 2024

हाल-ए-हिमाचल : 4 सालों में बनी 127 नई मस्जिदें, कितनी बढ़ी आबादी?

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हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में मस्जिद के निर्माण को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के संजौली में उठा विवाद अब कसुंपटी में भी जारी है। यहां भी अवैध मस्जिद निर्माण को लेकर लोग सड़कों पर आ गए हैं। लेकिन यह पहली बार नहीं जब पहाड़ी राज्य हिमाचल में मजारों और मस्जिदों को लेकर बवाल टका हो। इससे पहले भी सरकारी और वन विभाग की ज़मीन पर अवैध कब्जे और बाहरी लोगों के आने पर कई सवाल उठे हैं। वहीं, अब सवाल यह है कि क्या राज्यों में डेमोग्राफी बदल रही है।

कहां से आए रोहिंग्या

शिमला के संजौली में पनपे मस्जिद विवाद में विधानसभा के अंदर कांग्रेस सरकार मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने ही यह दावा किया है कि शिमला में 3-4 लोगों को वह जानते हैं जो बांग्लादेश से आएं हैं। अगर यह बात सही है तो हिमाचल प्रदेश में बांग्लादेशी कहां से आ रहें हैं? रोहिंग्या मुसलमान कैसे हिमाचल की राजधानी शिमला तक पहुंचे? यह भी पढ़ें: हिमाचल- ‘प्यारी बहना’ योजना में सरकार ने दिया झटका, इन महिलाओं को नहीं मिलेगा लाभ शिमला के माल रोड से लगभग पांच किलोमीटर दूरी पर बनी इस मस्जिद विवाद में एक और बात जो निकल कर सामने आई है वह है- यहां नमाज पढ़ने वालों की तादात। माना जा रहा है कि कुछ साल पहले यहां पर मुस्लिमों की दादात 40 के करीब थी, लेकिन अब नमाज पढ़ने के लिए भर-भर के लोग यहां आते हैं। एक छोटी सी मस्जिद को5 मंजिल का बना दिया गया है। यूपी से आने वाले कई मुस्लिम इसी में टहरते हैं।

क्या कहते हैं हिमाचल के नेता 

हिमाचल की कांग्रेस सरकार मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने ही विधानसभा में कहा है कि ये 'जमीन' सरकार की है ना कि वक्फ बोर्ड की। इस पूरे मुद्दे में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े। जहां उन्होंने हिमाचल की 'मोहब्बत की दुकान' में नफ़रत ही नफ़रत है जैसा बयान दिया। यह भी पढ़ें: शिमला विवादित मस्जिद पर आज MC कोर्ट में सुनवाई, हिंदू संगठन की नजर फैसले पर टिकी लेकिन इस पूरे प्रकरण के बाद अब सवाल उठता है कि हिमाचल की आबादी पर इसका क्या फर्क पड़ रहा है। अचानक हिमाचल में कैसे बढ़ गई है मस्जिदों की संख्या. एक रिपोर्ट बताती है कि हिमाचल प्रदेश में हिन्दुओं की आबादी पिछले कई सालों में कम हुई है जबकि मुसलमानों की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है
  • साल 1951 में हिमाचल प्रदेश में हिन्दुओं की आबादी 98.14 प्रतिशत थी
  • वर्ष 2011 में 95.2 प्रतिशत हो गई
वहीं मुसलमानों की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है। हालांकि, 2011 के बाद कोई भी जनगणना ना होने के कारण यह बताना मुश्किल है कि इस समय हिमाचल प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी कितनी हो गई है। 2011 में हिमाचल में केवल 2.2 प्रतिशत मुस्लिम थे। लेकिन चिंता की बात यह है कि पिछले कुछ ही सालों में हिमाचल में मस्जिदों की संख्या बढ़ी है। जो आंकड़े सामने आए है उसके मुताबिक
  • कोविड से पहले हिमाचल प्रदेश में 393 मस्जिदें थीं
  • अब यह संख्या 520 हो गई
  • चार साल में हिमाचल में 127 मस्जिदें बनी है।
  • पिछले 10 से 12 वर्षों में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ी है
  • प्रदेश में नई मस्जिदों का निर्माण लगातार हो रहा है
यह भी पढ़ें: हिमाचल से अमृतसर जा रही बस रास्ते में पलटी, डेढ़ दर्जन लोग थे सवार उत्तराखंड की राह हिमाचल नई मस्जिदें इसलिए बन रही हैं क्योंकि वहां मुसलमानों की आबादी बढ़ती जा रही है। अब ऐसा ही मामला हमारे पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी सामने आया है। जहां पर कई इलाकों में तेजी से डेमोग्राफी में परिवर्तन देखने को मिला है। उत्तराखंड के चार मैदानी जिलों, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और देहरादून में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी। उत्तराखंड के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो
  • 2001 में उत्तराखंड के हरिद्वार ज़िले में हिन्दुओं की आबादी थी 65.3 प्रतिशत
  • मुसलमानों की आबादी 33 प्रतिशत
  • 2011 में हरिद्वार में हिन्दुओं की आबादी 64.3 प्रतिशत रह गई
  • मुसलिमों की आबादी में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई
  • इसी तरह देहरादून में वर्ष मुसलमानों की आबादी 2 पर्सेंट बढ़ गई
इस राज्य में भी हिमाचल की तरह ही अवैध मस्जिदें खड़ी कर ली गई। कुल मिलाकर देखा जाए तो दोनों पहाड़ी राज्यों- हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में के हालात एक जैसे ही हैं। अब पॉलिटिकली इसमें किसे फायदा मिलता है यह भी देखने की बात है।समय के साथ हिमाचल प्रदेश में मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है इसमें कोई दो राय नहीं।

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