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March 6, 2024

हिमाचल की बेटी सुमन देश की पहली महिला BSF स्नाइपर बनी, 28 साल है उम्र

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मंडी। आज के दौर में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जहां हिमाचल की बेटियां ना पहुंची हों। पहाड़ की रहने वाली यह बेटियां आज हर क्षेत्र में बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। ऐसी ही एक बेटी सुमन ने भारतीय सेना में देश की पहली स्नाइपर बनकर इतिहास रच दिया है। 28 साल की सुमन कुमारी ने बीएसएफ में देश की पहली महिला स्नाइपर बनने का गौरव हासिल किया है। सुमन कुमारी की इस कामयाबी से उसके परिवार सहित गांव में खुशी का माहौल है वहीं प्रदेश और देश को भी बेटी के इस शौर्य पर नाज हो रहा है।

56 पुरुषों के दल में अकेली महिला थी 28 साल की सुमन
28 साल की सुमन कुमारी मंडी जिला के कोटली उपमंडल के कुटल गांव की रहने वाली है। आठ सप्ताह की कठिन ट्रेनिंग के बाद पहाड़ की इस बेटी ने देश की पहली महिला स्नाइपर बनने का गौरव हासिल कर लिया है। खास बात यह रही कि ट्रेनिंग के दौरान 56 पुरुषों के दल में वह अकेली महिला थी। जिसने स्नाइपर की ट्रेनिंग हासिल की और अपनी बहादुरी का लोहा मनवाया।

बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर है तैनात
सुमन की ट्रेनिंग सीमा सुरक्षा बल के इंदौर स्थित केंद्रीय आयुध एवं युद्ध कौशल विद्यालय में हुई। बता दें कि सुमन कुमारी 2021 में बीएसएफ में भर्ती हुई थी। इस समय सुमन कुमारी बीएसएफ की पंजाब यूनिट में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात है। पंजाब में एक प्लाटून की कमान संभालने के बाद सरहद पार से स्नाइपर हमलों के खतरे का अहसास होने के बाद सुमन ने स्नाइपर कोर्स का संकल्प लिया। सुमन ने स्वेच्छा से स्नाइपर कोर्स के लिए आवेदन किया था। सीनियर ने भी उसकी बहादुरी को देखते हुए उसका मनोबल बढ़ाया और कोर्स के लिए मंजूरी दी।

कठिन ट्रेनिंग में नहीं हारी हिम्मत
बता दें कि स्नाइपर का प्रशिक्षण बेहद कठिन है। जिसमें निर्धारित दूरी से एसएसजी समेत अन्य बंदूकों से सटीक निशाना लगाने में सक्षम होते हैं। इन्हें दुर्गम परिस्थितियों में अपनी पहचान छुपाकर कार्रवाई करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। तीन किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से दुश्मन पर अचूक निशाना लगा सकने में सक्षम होते हैं। प्रशिक्षण में कठिन से कठिन पड़ाव में सुमन कुमारी ने हिम्मत नहीं हारी और आखिरी तक डटी रहीं। आठ सप्ताह के कठिन बीएसएफ स्नाइपर कोर्स में इंस्ट्रक्टर ग्रेड पाने वाली पहली महिला का खिताब भी सुमन कुमारी के नाम हो गया है।

माता पिता को बेटी पर नाज
सुमन की माता माया देवी व पिता दिनेश कुमार ठाकुर ने कहा कि उन्हें बेटी की उपलब्धि पर नाज है। आज पूरा देश उन्हें बेटी की बहादुरी की वजह से जान रहा है। बता दें कि सुमन के पिता इलेक्ट्रिकल ठेकेदार हैं जबकि माता गृहिणी हैं। उनकी एक बहन सुषमा ठाकुर डॉक्टर हैं तो भाई विक्रांत ठाकुर बीटेक इलेक्ट्रिकल पास हैं।

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