#हिमाचल

April 11, 2025

हिमाचल हाईकोर्ट ने पूछा- जुर्माना लेकर कितने अवैध निर्माण को वैध किया? सरकार से मांगे आंकड़े 

याचिका में दावा- इन अवैध निर्माणों से पूरा हिमाचल खतरे में 

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high court shimla

शिमला। हिमाचल में नियम विरुद्ध तरीके से हुए अवैध निर्माण को जुर्माना लेकर वैध करार देने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से ऐसे सभी मामलों के आंकड़े मांगे हैं। दो जजों की बेंच ने सीएस और टीसीपी के सचिव और टाउन कंट्रोल प्लानर को आंकड़े पेश करने को कहा है। 
याचिकाकर्ता की दलील है कि इन अवैध निर्माणों के कारण पूरा हिमाचल प्रदेश खतरे में है। लेकिन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के नियम 2014 में इन पर कार्रवाई करने के बजाय कुछ जुर्माना लेकर इन अवैध संपत्तियों को कंपाउंड कर दिया जाता है। इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिवा समेत राज्य सरकार और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों को नोटिस जारी किया था। 

 

याचिकाकर्ता ने लगाया ये आरोप


याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा है कि अवैध निर्माण और उनसे निकलने वाले मलबे के कारण नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, साथ ही पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है। ये अवैध निर्माण रातों-रात नहीं हुए, बल्कि इसके लिए सरकार की एजेंसियां और भ्रष्ट सिस्टम जिम्मेदार है। अब यही एजेंसियां और सरकारी सिस्टम अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह उन पर मामूली जुर्माना लगाकर गलत को सही करार दे रही हैं। 

 

टीसीपी के नियमों की आड़ में अवैध निर्माण 


जवाब में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और संबंधित सरकारी एजेंसियों ने उन अधिसूचित और संशोधित नियमों का हवाला दिया, जो विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक के फैसलों को ओवररूल कर देता है। याचिका दायर करने वाले ने कोर्ट से अपील की है कि वह हिमाचल सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियों को अवैध निर्माण की न तो छूट दें और न ही सिस्टम को भ्रष्ट होने की अनुमति दें। साथ ही उन सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, जिनके कार्यकाल में ये अवैध निर्माण हुए हैं।

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