शिमला। हिमाचल प्रदेश में मंडी मध्यस्थता योजना (MIS) के तहत अब सेब की खरीद करेट में की जाएगी। बता दें कि हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग कॉरपोरेशन (HPMC) सी ग्रेड सेब की खरीद करती है। यह नया परिवर्तन बागवानों और HPMC दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
बोरियों में जाता है सेब
बता दें कि प्रदेश में अभी तक सेब को बोरियों में खरीदा जाता था, लेकिन बोरियों में लोग खराब और गले सड़े सेब भी भर देते थे। इस व्यवस्था से सेब जल्दी खराब हो जाते थे। कई दिनों तक बोरियों में पड़े रहने के कारण सेब का खराब होना HPMC के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बनता था। इसके अलावा, बोरियों की खरीद पर भी खर्च आता था।
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इस समस्या का समाधान करते हुए HPMC ने करेट का उपयोग करने का निर्णय लिया है। बागवानों को करेट मुहैया कराई जाएगी और जहां कलेक्शन सेंटर होंगे, वहां पर करेट उपलब्ध होगी। HPMC ने इसके लिए 50 लाख रुपये की राशि भी जारी कर दी है।
अगले साल से लागू होगी नई व्यवस्था
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि इस साल करेट में सी ग्रेड सेब की खरीद की शुरुआत की गई थी, हालांकि इसे पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका।HPMC बागवानों को करेट प्रदान करेगा और उन्हें बाद में वापस भी ले लिया जाएगा।
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यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था
बता दें कि सरकार ने मंडियों में सेब बेचने के लिए पहले से ही यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था की थी, जिसके तहत बागवानों को अच्छे दाम मिले थे। अब सी ग्रेड सेब की खरीद भी करेट के माध्यम से की जाएगी। इसी बदलाव से सरकार और बागवान दोनों को फायदा होगा।
खरीद के आंकड़े
इस साल MIS योजना के तहत अब तक 21,326 मीट्रिक टन सेब खरीदा गया है। पिछले साल 37,450 मीट्रिक टन सेब की खरीद की गई थी, जबकि 2022 में 54,305 मीट्रिक टन सेब की खरीद की गई थी। HPMC ने इस बार 200 कलेक्शन सेंटर खोले हैं, जबकि पिछले साल 204 और 2022 में 174 सेंटर खोले गए थे।
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यह नई व्यवस्था बागवानों के लिए लाभकारी साबित होगी, जिससे उन्हें अधिक अच्छा मूल्य मिलने की उम्मीद है और साथ ही HPMC को भी नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।
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