चंबा। हिमाचल प्रदेश में विजिलेंस की टीम ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है। स्वच्छता और शहर की सफाई व्यवस्था का दम भरने वाली चंबा नगर परिषद गंभीर आरोपों के घेरे में आ गई है। आज शुक्रवार सुबह विजिलेंस की टीम ने नगर परिषद चंबा के कार्यालय में दबिश दी। विजिलेंस की इस कार्रवाई से नगर परिषद के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
किस मामले में विजिलेंस ने मारी रेड
विजिलेंस की टीम ने अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले के दौरान सफाई के टेंडर में गड़बड़ी के आरोपों की शिकायत मिली थी। जिसको लेकर विजिलेंस विभाग की टीम ने चंबा में स्थित नगर परिषद कार्यालय में दबिश दी और दस्तावेज खंगाले। एएसपी विजिलेंस अभिमन्यु वर्मा की अगुवाई में आज नगर परिषद कार्यालय में दबिश दी गई। बताया जा रह है कि विजिलेंस की टीम ने कई महत्तवपूर्ण दस्तावेजों को सील किया है और उन्हें कब्जे में लिया है।
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क्या बोले विजिलेंस के अतिरिक्त अधीक्षक
विजिलेंस विभाग के अतिरिक्त अधीक्षक अभिमन्यू वर्मा ने बताया कि विभाग को सूचना मिली थी कि अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले में सफाई ठेके में अनियमितताएं हुई है। उन्होंने बताया कि सफाई का ठेका लगातार एक ही व्यक्ति को दिया जा रहा था और इसमें कई अनियमितताएं पाई गई हैं। जिस पर विजिलेंस की टीम ने आज यहां आकर रिकॉर्ड खंगाला है और उसे कब्जे में लिया है। मामले की अब विस्तृत जांच की जाएगी।
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किसने की थी शिकायत
वहीं इस बारे में चंबा के वरिष्ठ नागरिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता भुवनेश्वर शर्मा ने बताया कि उन्होंने लंबे समय से नगर परिषद में चल रहे घोटाले के संबंध में विजिलेंस विभाग को शिकायत सौंपी थी। आज विजिलेंस ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। भुवनेश्वर शर्मा ने विजिलेंस की इस कार्रवाई का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि विभाग इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगा।
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जल शक्ति विभाग के कार्यालय में मारी थी विजिलेंस ने रेड
बता दें कि करीब एक माह पहले विजिलेंस की टीम ने मंडी जिला में स्थित जल शक्ति विभाग के कार्यालय में भी दबिश दी थी। विजिलेंस की टीम ने जल शक्ति विभाग के बग्गी मंडल कार्यालय में भ्रष्टाचार को लेकर दबिश दी थी।विजिलेंस की लगभग 7 सदस्य टीम कार्यालय पहुंची और रात 10 बजे तक दस्तावेजों की जांच सहित विभागीय कर्मियों से पूछताछ करती रही थी।
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उस समय भी कार्यालय में विभागीय अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी करते हुए कार्यों को करने और कुछ एक चुनिंदा ठेकेदारों को ही लाभ पहुंचाने के लिए काम आवंटित करने के आरोप लगे थे।