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August 18, 2024

वाह री शिमला पुलिस! बेकसुर परिवार को ही बना दिया चोर, थाने ले जाकर की धुनाई

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ती चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में पुलिस भी नाकाम साबित हो रही है। कुछ एक मामलों में पुलिस को जरूर सफलता मिलती है, लेकिन ज्यादातर मामलों मंे चोर अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। पुलिस इन चोरों को पकड़ने की बजाय अब बेगुनाह लोगों को शक के आधार पर थाना में बुला कर उनके साथ मारपीट करने लगी है। ऐसा ही एक मामला राजधानी शिमला से सामने आया है।

बेकसुर परिवार पर शिमला पुलिस का कहर

शिमला पुलिस ने एक बेगुनाह परिवार को चोरी के शक में पुलिस थाना में ले गई और उनकी जमकर पिटाई कर दी है। हालांकि बाद में सच्चाई का पता चलने पर पीड़ित परिवार को छोड़ दिया गया। लेकिन शिमला की स्मार्ट पुलिस की इस हरकत से पीड़ित परिवार काफी आहत हुआ है। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस की इस कार्रवाई से उनकी काफी बदनामी हुई है।

किस मामले में पकड़ा बेकसुर परिवार

दरअसल राजधानी शिमला में चोरों के हौंसले काफी बुलंद हो गए हैं। 14 अगस्त को गंज मंदिर में एक महिला ने सोने की चेन चोरी की और फरार हो गई। जिस पर शिमला की यह स्मार्ट पुलिस शक के आधार पर गंज मंदिर के पास ही रहने वाले एक बेगुनाह परिवार को पकड़ कर थाना ले गई। पुलिस थाने में इस बेगुनाह परिवार के साथ पुलिस कर्मियों ने जमकर धुनाई कर दी। यह भी पढ़ें: भाई बचाते फिरते हैं कलाई, यहां राखी पर रहती है भाभी और साली की नजर

पुलिस को कैसे हुआ गलती का एहसास

पीड़ित परिवार बार बार पुलिस से गुहार लगाता रहा कि उसने चोरी नहीं की है, लेकिन शिमला पुलिस पर इस परिवार की गुहार का कोई फर्क नहीं पड़ा। जिसके बाद सामने आए चोरी के सीसीटीवी को देख कर पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ, तो रात 12 बजे इस बेगुनाह पीड़ित परिवार को घर भेज दिया गया।

झुठे आरोपों से पीड़ित परिवार को लगा गहरा सदमा

शिमला पुलिस की इस कार्यप्रणाली से पीड़ित परिवार को गहरा सदमा लगा है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना जांच किए ही उन पर चोरी का इल्जाम लगा दिया और उन्हंे थाने ले जाकर उनके साथ मारपीट कर दी। जबकि इस चोरी से हमारे परिवार का कोई लेना देना नहीं था। पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस की इस कार्यप्रणाली से उन पर चोरी का इल्जाम लग गया है। यह भी पढ़ें: प्रो-कबड्डी में खेलेगा हिमाचल का बेटा: बंगाल वॉरियर्स ने इतने लाख में खरीदा

पीड़ित परिवार को चोर की नजर से देख रहे गांव के लोग

चोरी का झूठा इल्जाम लगने से उनकी गांव में काफी बदनामी हुई है और अब उन्हंे कोई काम भी नहीं दे रहा है। काम ना मिलने से उनके परिवार पर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। पीड़ित परिवार ने अब सरकार से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित परिवार पर की गई इस तरह की कार्रवाई से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। यह भी पढ़ें: क्या मंत्री मांगेंगे माफ़ी? हर्षवर्धन चौहान को किसने भेजा कानूनी नोटिस- जानें

पुलिस की यह कार्रवाई कहां तक उचित?

इस मामले में अब पुलिस के बड़े अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। एसएचओ ने भी इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह उस थाना में ही नहीं थे। जिसके चलते उन्हंे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि अगर पुलिस चोरों को नहीं पकड़ पा रही है तो क्या वह किसी भी बेगुनाह को पकड़ कर थाने ले जाएगी और उसके साथ बर्बरता करेगी। बिना किसी जांच के इस तरह की कार्रवाई कहां तक उचित है।

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