शिमला। हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने और सरकार गिराने का षड्यंत्र रचने वाले मामले की जांच अब गुरुग्राम तक पहुंच गई है। शिमला पुलिस ने अदालत से सर्च वारंट लेकर गुरुग्राम में स्थित विमानन कंपनी के कार्यालय पहुंच गई है और रिकॉर्ड को खंगाल रही है। इस कार्रवाई में शिमला पुलिस, हरियाणा पुलिस की भी मदद ले रही है।
9 विधायकों को सैर करवाने वाली विमान कंपनी कार्यालय पहुंची शिमला पुलिस
इसी विमानन कंपनी के हेलिकाप्टर में भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी को वोट करने वाले कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को यात्रा करवाई गई थी। सूत्रों के अनुसार इन विधायकों को ले जाने के लिए दो विमान कंपनियों की सेवाएं ली गई थीं। जिसमें से पुलिस एक कंपनी के कार्यालय में पहुंच गई है, जबकि दूसरी कंपनी के कार्यालय में भी जल्द ही दबिश दी जाएगी।
सहयोग ना करने पर पुलिस को लेना पड़ा सर्च वॉरंट
हालांकि शिमला पुलिस ने इससे पहले कई बार विमानन कंपनी से इस बारे में रिकॉर्ड मांगा था, लेकिन विमानन का प्रबंधन रिकॉर्ड देने में आनाकानी कर रहा था। बार बार आग्रह करने के बाद भी जब विमानन कंपनी ने शिमला पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया तो पुलिस ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद पुलिस कोर्ट से सर्च वारंट लेकर गुरुग्राम में विमानन कंपनी के कार्यालय पहुंची।
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राज्यसभा चुनाव के बाद चंडीगढ़ और फिर देहरादून गए थे 9 विधायक
राज्यसभा सीट के लिए वोट करने के बाद सभी विधायक पहले चंडीगढ़ और फिर वहां से उत्तराखंड के देहरादून में पहुंचाए गए थे। देहरादून के ऋषिकेश में इन बागी विधायकों के रहने की व्यवस्था करने वाली टूर एंड ट्रेवल कंपनी के कर्मचारियों से भी शिमला पुलिस पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि इस टूर एंड ट्रेवल कंपनी को 20 लाख रुपए दिए गए थे। यह पैसा कहां से आया और किसने दिया, इसकी भी जांच की जा रही है।
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आशीष और चेतन्य से कर चुकी है पुलिस पूछताछ
शिमला पुलिस इससे पहले सभी 9 बागी विधायकों से भी पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चेतन्य शर्मा से भी लंबी पूछताछ की है। इन दोनों नेताओं से शिमला पुलिस ने करीब सात सात घंटे तक सख्ती से पूछताछ की थी। अब पुलिस विमान कंपनियों के कार्यालयों में पहुंची है। देखना यह है कि शिमला पुलिस के हाथ यहां क्या लगता है।
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