शिमला। हिमाचल प्रदेश में 400 से अधिक लोगों के बैंक अकाउंट सीज कर दिए गए हैं। इसकी वजह यह है कि उनके खातों से लगातार लाखों की ट्रांजेक्शन हो रही थी। जिसके बाद पुलिस ने एक्शन लेते हुए इनके बैंक खातों को सीज कर दिया है।
50 लाख से अधिक की ट्रांजेक्शन
बता दें कि हिमाचल में ऐसे 400 खातों को सीज कर दिया गया है, जो लगातार भारी ट्रांजेक्शन से जुड़े थे। वहीं सामने आ रहा है कि कई खातों में से तो 50 लाख से अधिक की ट्रांसजेक्शन हुई है। अब इस मामले के बाद सभी के खाते से हुए लेन-देन पर साइबर पुलिस की टीम सवाल कर रही है।
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ऑनलाइन गेम से कमाया है पैसा
सीज हुए अकाउंट में कई लोगों ने साइबर पुलिस को बताया है कि यह पैसा उन्होंने ऑनलाइन गेम्स में कमाया है। पुलिस द्वारा बताया जा रहा है कि इन खातों का उपयोग गैरकानूनी लेन-देन के लिये किया जा रहा था। देश के विभिन्न राज्यों की पुलिस ने ये अकाउंट फ्रीज करवाएं है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश साइबर क्राइम पुलिस को भी इसकी जानकारी दे दी गई है और मामले में आगामी कार्रवाई की जा रही है।
साइबर क्राइम पुलिस की अपील
वहीं, साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन चल रहे इन गेम्स के चक्कर में ना फंसे। बहुत से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वेबसाइट्स पर पैसा कमाने का लालच दिया जाता है। लोग उसमें फंस कर परेशानी मोल लेते है।
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कैसे होते हैं फ्रॉड यहां समझिए
फर्जी स्कीम्स और ऑफर: ठग आमतौर पर आकर्षक ऑफर या स्कीम्स का विज्ञापन करते हैं, जैसे "जल्दी पैसे कमाने का तरीका" या "एक छोटी सी निवेश से बड़ा मुनाफा"। ये ऑफर अक्सर वास्तविक नहीं होते और केवल पैसे वसूलने के लिए बनाए जाते हैं।
फर्जी लॉटरी या पुरस्कार: लोग ऐसे संदेश प्राप्त करते हैं जिनमें उन्हें लॉटरी या पुरस्कार जीतने का दावा किया जाता है। इन संदेशों में अक्सर व्यक्तिगत जानकारी मांगने के लिए लिंक होते हैं, जिन्हें भरने पर ठग आपके डेटा को चुरा सकते हैं।
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डेमो अकाउंट्स और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म: कुछ ठग फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स या डेमो अकाउंट्स का निर्माण करते हैं जहाँ वे दिखाते हैं कि आप आसानी से पैसे कमा सकते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स में निवेश करने के बाद, आपका पैसा गायब हो सकता है।
नकली ब्रांड पार्टनरशिप्स: ठग नकली कंपनियों या ब्रांड्स के साथ पार्टनरशिप के ऑफर देते हैं, जिसमें आपको उत्पादों का प्रमोशन करने या विज्ञापन करने के लिए कहा जाता है। अक्सर इन कंपनियों के साथ कोई वास्तविक संबंध नहीं होता और आप पैसे या उत्पाद प्राप्त नहीं कर पाते।
पैसे कमाने के लिए व्यक्तिगत जानकारी की मांग: ठग आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड नंबर आदि प्रदान करने के लिए कह सकते हैं। इन जानकारियों का उपयोग वे धोखाधड़ी के लिए कर सकते हैं।
फर्जी क्राउडफंडिंग या इन्वेस्टमेंट्स: सोशल मीडिया पर कई बार फर्जी क्राउडफंडिंग या इन्वेस्टमेंट योजनाओं का प्रचार किया जाता है। ये योजनाएँ असली नहीं होतीं और आपसे पैसा लेकर ठग गायब हो जाते हैं।