मंडी। हिमाचल प्रदेश में यौन उत्पीड़न का शिकार हुई बच्चियों, युवतियों और महिलाओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है। इसी कड़ी में हिमाचल के जिला मंडी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक पोक्सो कोर्ट अनिल शर्मा विनोद भारद्वाज की अदालत ने दो साल की सुनवाई के दुष्कर्म करने के दोषी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
स्कूल से आते-जाते करता था तंग
यह मामला साल 2022 का है। पीड़िता की मां ने 21 अक्टूबर, 2022 बल्ह पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी। पीड़िता की मां ने बताया कि उसकी बेटी 14 साल की है और दसवीं कक्षा में पढ़ती है। पड़ोस के गांव का युवक करीब दो साल से बेटी को स्कूल से आते-जाते समय तंग करता था।
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गलत तरीके से छूने लगा युवक
पीड़िता की मां ने बताया कि एक महीने पहले आरोपी ने हद ही पार कर दी। उसने बेटी को गलत तरीके से छूने की कोशिश की। इसके बार में पीड़िता ने घर आकर अपनी मां को बताया।
कोर्ट पहुंचा मामला
पीड़िता की मां ने अगले दिन थाना में शिकायत दर्ज करवाई। पीड़िता की शिकायत के आधार पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
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मिली यह कठोर सजा
जहां दो साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 13 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने युवक को दोषी पाया। अब कोर्ट ने नाबालिग से छेड़छाड़ करने वाले युवक को BNS की धारा 354-A, 354-D और पोक्सो अधिनियम की धारा 8 और 10 के तहत क्रमश: एक-एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई है।
इसके अलावा दोषी को इन धाराओं के तहत 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। वहीं, दोषी द्वारा जुर्माना राशि अदा ना करने पर एक महीने के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।