नाहन। हिमाचल प्रदेश में आए दिन शिक्षण संस्थानों से रैगिंग की खबरें सामने आती रहती हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल के एक मेडिकल कॉलेज से सामने आया है। यहां सीनियर्स छात्रों ने अपने जूनियर्स छात्रों के साथ रैगिंग की है। जिसकी सूचना मेडिकल कॉलेज को लगी तो तुरंत ही एंटी रैगिंग जांच समिति ने इस पर कार्रवाई करते हुए आरोपी छात्रों पर बड़ी कार्रवाई कर दी है।
किस कॉलेज का है मामला
दरअसल रैगिंग का यह गंभीर मामला हिमाचल के सिरमौर जिला में स्थित डॉ वाइएस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज नाहन से सामने आया है। मामले की जानकारी देते हुए मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ राजीव तूली ने बताया कि एंटी रैगिंग जांच समिति को एक गुमनाम शिकायत मिली थी। जिस पर जांच समिति ने कड़ा संज्ञान लिया और मामले की जांच की।
यह भी पढ़ें : हिमाचल BJP में छलक रहा सत्ता से दूर होने का दर्द, चोर रास्ते से किया हथियाने का प्रयास
कैसे हुआ रैगिंग का खुलासा
एंटी रैगिंग जांच समिति ने अपनी जांच में आरोपों को सही पाया। जांच में पता चला कि 2023 बैच के दो वर्षीय एमबीबीएस के सात छात्रों ने 26 नवंबर 2024 को अपने जूनियर्स की रैगिंग की थी। जांच में खुलासा हुआ कि सात सीनियर्स छात्रों ने जूनियर्स के साथ ना सिर्फ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि उन्हें एक निजी आवास में ले जाकर लंबे समय तक खड़ा भी रखा। इस दौरान उनके साथ अभद्र शब्द बोले गए और उन्हें अप्राकृतिक दंड दिया गया।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : शाही महात्मा गैंग के 9 और लोग अरेस्ट, सलाखों के पीछे बैठे साथियों ने बताया पता
जूनियर्स के साथ किस तरह से हुई रैगिंग
हालांकि जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि जूनियर्स को किसी तरह की शारीरिक प्रताड़ना नहीं दी गई। जांच में रैगिंग का खुलासा होने के बाद एंटी रैगिंग जांच समिति ने आरोपी सात एमबीबीएस छात्रों पर बड़ी कार्रवाई की है। जांच समिति ने आरोपी छात्रों को तीन माह की अवधी के लिए मेडिकल कॉलेज से निलंबित कर दिया है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : परिजन घर में कर रहे थे इंतजार, खेत में काम करते व्यक्ति की थम गई सांसें
75 हजार प्रति छात्र लगाया जुर्माना
इसके अलावा आरोपी सभी सात एमबीबीएस छात्र एक साल की अवधि के लिए क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी सांस्कृतिक खेल गतिविधियों में संस्थान का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकेंगे। यही नहीं आरोपियों पर 75 हजार रुपए प्रति छात्र जुर्माना भी लगाया गया है।
यह भी पढ़ें : सुक्खू सरकार में होंगी ताजपोशियां, ओहदे के लिए CM से नजदीकियां बढ़ा रहे नेता
क्या बोले प्रधानाचार्य
मामले की जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य ने कहा कि रैगिंग जैसे मामलों में कॉलेज प्रशासन जीरो टॉलरेंस नीति अपनाता है और यह सख्त कार्रवाई भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए की गई है। उन्होंने सभी छात्रों को चेतावनी देते हुए कहा कि रैगिंग जैसी गतिविधियों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।