कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला की ब्यास नदी में बहे समाजसेवी का शव मंडी जिला के औट में ब्यास नदी के किनारे मिला है। समाजसेवी सुरेश गोयल 6 दिन पहले घर से सुबह-सवेरे निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। अब उनका शव मंडी में ब्यास नदी के किनारे मिला है।
रहस्यमयी परिस्थितियों में समाजसेवी की मौत
समाजसेवी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के कारण क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। कुछ लोगों का कहना है कि सुरेश पांव फिसलने के कारण ब्यास में गिर गए थे। जबकि, कुछ का कहना है कि सुरेश ने खुद ब्यास में कूदकर आत्महत्या की है।
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6 दिन पहले घर से निकले थे सुरेश
जानकारी के अनुसार, बीती 28 अगस्त को समाजसेवी सुरेश गोयल घर सुबह करीब 6 बजे घर से निकले थे। मगर काफी देर तक वो वापस नहीं नौटे। इसी बीच कुछ लोगों ने परिजनों को सुरेश के ब्यास में बहने की सूचना दी।
भुंतर में पुराने पुल पर मिली थी चप्पलें
इसके बाद परजिनों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सुरेश को ढूंढना शुरू किया। मगर कुछ पता नहीं चल पाया। परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम को शुरुआती जांच में भुंतर में पुराने पुल पर सुरेश गोयल की चप्पलें मिली।
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औट में ब्यास किनारे मिला शव
इसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी के आधार पर मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं, अब बीते कल सुरेश का शव औट में मिला है। थलौट थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर इसे भुंतर पुलिस को सौंप दिया है।
भुंतर पुलिस ने परिजनों से शव की शिनाख्त करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है। साथ ही परिजनों के बयान भी दर्ज कर लिए हैं।
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15 साल से कर रहे थे समाजसेवा
बताया जा रहा है कि सुरेश गोयल समाजसेवी संस्था प्रयास फाउंडेशन के प्रधान थे। सुरेश पिछले 15 साल से प्रयास फाउंडेशन के माध्यम से जरूरतमंद लोगो की मदद कर रहे थे। अब उनकी ऐसे रहस्मयी परिस्थितियों में हुई मौत के कारण हर कोई स्तब्ध है।
आत्महत्या या हादसा?
लोग अलग-अलग तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। कुछ लोग इसे आत्माहत्या बता रहे हैं। जबकि, कुछ इसे दुर्घटना कह रहे हैं। हालांकि, अगर सुरेश गोयल ने आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला समाप्त की है तो यह बहुत दुखद बात है कि एक व्यक्ति जो पिछले 15 साल से लोगों की सेवा कर रहा है उसे ऐसी क्या परेशानी थी कि उसने मौत को चुना। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि किसी ने किसी रंजिश के चलते जानबूझकर उन्हें धक्का तो नहीं दे दिया।