कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में यौन उत्पीड़न का शिकार हुई बच्चियों, युवतियों और महिलाओं को इंसाफ पाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ता है। इसी कड़ी में हिमाचल के जिला कांगड़ा में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक पोक्सो कोर्ट अनिल शर्मा की अदालत ने तीन साल की सुनवाई के दुष्कर्म करने के दोषी को कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
घर से चली गई थी बेटी
यह मामला साल 2021 का है। पीड़िता की मां ने पुलिस थाना ज्वाली में आकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पीड़िता की मां ने बताया कि उसकी नाबालिग बेटी रात करीब 11.30 बजे बिना किसी को बताए घर से चली गई है। उसे कई जगह तलाशा गया है, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। इतना ही नहीं उसका फोन भी बंद आ रहा है।
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चाचा के डर से भागी जंगल में
वहीं, गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के दूसरे दिन पीड़िता ने अपनी मां के साथ पुलिस थाने में आकर बताया कि उसका चाचा उसकी मां के साथ गाली-गलौच करता था। इसलिए वह अपने चाचा के डर से जंगल में भाग गई थी और गऊशाला में छिप गई थी।
होटल में ले गया क्षेत्र का युवक
पीड़िता ने फिर बताया कि उसे क्षेत्र का ही एक अन्य युवक अपनी कार में जौंटा की तरफ ले गया था और रात भर गाड़ी में घुमाता रहा। इसके बाद युवक अगले दिन उसे एक होटल में लेकर गया और वहां उसके साथ उसने गलत काम किया। इस दौरान उसने उसे किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
पीड़िता ने डर के कारण यह बात किसी को भी नहीं बताई। मगर एक दिन पीड़िता ने हिम्मत जुटा कर सारी बात मां को बताई। जिसके बाद पीड़िता की मां ने अगले दिन थाना में शिकायत दर्ज करवाई।
पीड़िता की शिकायत के आधार पर संज्ञान लेते हुए पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा।
मिली यह कठोर सजा
जहां तीन साल तक सुनवाई चली और मुकदमे के दौरान कोर्ट में 20 गवाहों को पेश करने, सभी दलीलों को सुनकर अदालत ने युवक को दोषी पाया। अब कोर्ट ने किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल के कठोर कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। वहीं, जबकि जुर्माना अदा न करने की सूरत में 2 साल के साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।