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August 30, 2024

हिमाचल में एक और घूसखोर पकड़ा, 50 हजार रिश्वत ले रहा था डिवीजनल मैनेजर

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नाहन। हिमाचल में बड़े बड़े पदों पर बैठे कुछ अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। यह लोग कोई काम करने के बदले में रिश्वत की मांग करने से भी गुरेज नहीं करते हैं। ऐसा ही एक मामला हिमाचल के सिरमौर जिला से सामने आया है। यहां विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते हुए डिवीजनल मैनेजर को गिरफ्तार किया है।

कहां पकड़ा घूसखोर डिवीजनल मैनेजर

दरअसल सिरमौर जिला में विजिलेंस की टीम ने राज्य वन निगम लिमिटेड के डिवीजनल मैनेजर अश्वनी कुमार वर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया है। डिवीजनल मैनेजर अश्वनी कुमार ने पीड़ित से 1ण्34 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। रिश्वत के इन पैसों की डिमांड पर आरोपी को 50 हजार की पहली किस्त लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।

67 लाख के बिल पास करने की एवज में मांगी रिश्वत

राज्य वन निगम लिमिटेड के डिवीजनल मैनेजर अश्वनी कुमार वर्मा ने यह रिश्वत शिकायतकर्ता वन निगम के एक ठेकेदार से उसके 67 लाख रुपए के बकाया बिलों को पास करने की एवज मांगी थी। आरोपी ने ठेकेदार से 67 लाख रुपए के बिल पास करने की एवज में दो प्रतिशत कमीशन की डिमांड की थी। दो प्रतिशत ना देने पर उसके बिलों को पास नहीं करने की धमकी भी दी थी। यह भी पढ़ें: समेज से लापता हुई 15 वर्षीय बच्ची- आज सुन्नी डैम में मिली, अब 15 की तलाश

50 हजार की पहली किस्त लेते पकड़ा घूसखोर

शिकायतकर्ता ठेकेदार ने इसकी शिकायत विजिलेंस नाहन से की। जिसके चलते विजिलेंस टीम ने आरोपी को दबोचने के लिए जाला बिछाया। जब शिकायतकर्ता ने आरोपी डिवीजनल मैनेजर अश्वनी की मांग के अनुसार उसे 50,000 रुपए की पहली किस्त दी, तो विजिलेंस की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। विजिलेंस की टीम ने रिश्वत के पैसों को कब्जे में लेकर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

विजिलेंस ने की बड़ी कार्रवाई

मामले की पुष्टि करते हुए स्टेट विजिलेंस की एसपी अंजुमन आरा ने बताया कि आरोपी को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी राज्य वन निगम लिमिटेड में डिवीजनल मैनेजर के पद पर तैनात है। उसने यह रिश्वत वन निगम के एक ठेकेदार के 67 लाख रुपए के बिलों के भुगतान की एवज में 2 प्रतिशत के रूप् में मांगी थी। आरोपी के खिलाफ आगामी कार्रवाई की जा रही है। विजिलेंस की टीम मामले की आगामी जांच कर रही है। यह भी पढ़ें: नाइजीरियन मूल की ‘नकली लड़की’ ने हिमाचली बंदे को लगाया चूना, 17 लाख ठगे

16 साल बाद घूसखोर पटवारी दोषी करार

बता दंे कि हिमाचल हाईकोर्ट ने भी आज एक बड़ा फैसला दिया है। हिमाचल हाईकोर्ट ने रिश्वतखोर एक पटवारी को दोषी करार दिया है। बड़ी बात यह है कि आरोपी को 16 साल बाद कोर्ट ने अब दोषी ठहराया है। दोषी को अब 10 सिंतबर को सजा सुनाई जाएगी। कोर्ट ने पटवारी को जमीन से जुड़े कुछ कागज बनाने की एवज में 1000 रुपए की रिश्वत लेने का दोषी ठहराया है।

आईटीबीपी जवान से मांगी थी रिश्वत

पटवारी के खिलाफ शिकायत करने वाला शिकायतकर्ता होशियार सिंह आईटीबीपी में तैनात है। 2 अक्तूबर 2008 को होशियार सिंह छुट्टी पर अपने गांव दलचेहड़ा आया था। उस समय उसके गांव में बंदोबस्त का काम चल रहा था। इस दौरान उसकी भूमि की तकसीम नहीं की गई। उसने अपने वकील से इस बाबत बात की तो वकील ने कुछ जरूरी कागजात एकत्रित करने की सलाह दी, ताकि तकसीम का मामला दायर किया जा सके। होशियार सिंह जमाबंदी, ततीमा जैसे कागजात बनवाने के लिए दलसेहड़ा के तत्कालीन पटवारी सीता राम से 22 अक्तूबर को मिला। यह भी पढे़ं: फ्रिज में हुआ ऐसा धमाका टूट गई बिल्डिंग की दीवारें, अंदर बैठे थे तीन लोग

कागज तैयार करने की एवज में मांगे थे एक हजार

पटवारी ने उसे कहा कि कागज तैयार करने का बहुत बड़ा काम है जिसके लिए उसकी पूरी रात भी लग सकती है। वह अगले दिन दोपहर 12 से 1 बजे तक कागजात तैयार करके रखेगा। पटवारी ने कागज तैयार करने की एवज में 1000 रुपए रिश्वत की मांग भी की। लेकिन होशियार सिंह ने एक हजार रुपए देने से इंकार कर दिया और इसकी शिकायत विजिलेंस में कर दी। यह भी पढ़ें: हिमाचल में यहां आंगनबाड़ी केंद्रों में निकली भर्ती, जानिए पूरी डिटेल

विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा था पटवारी

विजीलेंस ने पटवारी को अगले दिन रंगे हाथों 1000 रुपए की रिश्वत के साथ पकड़ लिया। मामला विशेष न्यायाधीश हमीरपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। अभियोजन पक्ष ने कुल 10 गवाह पेश किए। विशेष न्यायाधीश हमीरपुर ने शिकायतकर्त्ता को आरोपी का सहयोगी बताते हुए उसे बरी कर दिया था। लेकिन अब हिमाचल हाईकोर्ट ने विशेष न्यायाधीश हमीरपुर के फैसले को त्रुटिपूर्ण पाते हुए उस फैसले को पलट दिया।

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