शिमला। हिमाचल के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक साथ कोर्ट ने 33 आरोपियों को सख्त सजा सुनाई हो। यह सजा अतिरिक्त जिला अदालत शिमला ने विभिन्न धाराओं में सुनाई है। कोर्ट ने 33 लोगों को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि मृतक की पत्नी को दी जाएगी।
शिमला के चौपाल का है मामला
दरअसल शिमला जिला के पुलिस थाना चौपाल में साल 2015 में एक शादी समरोह के दौरान डबल मर्डर हुआ था। मामला चौपाल के गांव टूईल का है। यहां साल 2015 में एक शादी समारोह चल रहा था। गांव के नरबीर सिंह और शादी वाले घर के बीच कुछ अनबन थी। गांव के कुछ लोगांे ने दोनों परिवारों को खुशी के मौके पर उनके मनमुटाव को खत्म करने का प्रयास किया।
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एक शख्स की गोली मार की थी हत्या
समझौता नहीं होने के चलते नरबीर सिंह अपने घर आ गया। इसी बीच जिस घर में शादी चल रही थी, उस घर में किसी ने पथराव कर दिया। जिसके बाद एक बार फिर इन दोनों परिवारों में झगड़ा शुरू हो गया। कुछ लोग नरबीर के घर में घुस आए, जिसके चलते नरबीर सिंह ने अपनी गन निकाल ली। छीना झपटी में गन से गोली चल गई और उससे भरत भूषण उर्फ बंटू नाम के एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई।
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ग्रामीणों ने गोली चलाने वाले की कर दी थी हत्या
बंटू की मौत के बाद ग्रामीण भड़क गए और गुस्साए ग्रामीणों ने नरबीर सिंह को खींच कर घर से बाहर ले आए। इस दौरान लोगांे ने नरबीर को दौड़ा दौड़ा कर पीटा और उसकी हत्या कर दी। बताया जाता है कि उसके बाद लोगों ने नरबीर सिंह को आग के हवाले कर दिया था। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू की।
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पुलिस ने तीन दर्जन से अधिक आरोपियों पर दर्ज किया था केस
नरबीर सिंह की पत्नी वीरेंद्रा देवी ने पुलिस थान चौपाल में पति की हत्या का मामला दर्ज करवाया था। मामले की जांच में पुलिस ने तीन दर्ज से अधिक लोगों को पर धारा 302, 326, 436 और दंगा करने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि वारदात के समय भीड़ बहुत ज्यादा थी, जिसके चलते अदालत में हत्या किसने की यह साबित नहीं हो पाई।
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अदालत ने सुनाई सात साल की सजा
मामले की सुनवाई करते हुए अतरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीा एक की अदालत ने 34 आरोपियों को दोषी करार दिया। जिसमें से एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी थी। ऐसे में 33 आरोपियों को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है।
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इसके अलावा मृतक की पत्नी को मुआवजा देने के भी अदालत ने फरमान सुनाया है। अदालत ने 33 आरोपियों को धारदार हथियार से धारा 326 यानी गंभीर चोट पहुंचाने, धारा 440 यानी मकान को आग के हवाले करने और दंगा करने की धारा के तहत दोषी करार दिया है।