शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां बैंक के दो लोगों ने मृतक व्यक्ति का निष्क्रिय खाता सक्रिय किया और उसमें से लाखों रुपए हड़प लिए। यह मामला मामला शिमला के मॉल रोड़ में स्थित बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच से सामने आया है। बैंक में हुई इस धोखाधड़ी के मामले के सामने आते ही अब खाता धारकों को भी सकते में डाल दिया है।
मृतक के खाते से निकाल लिए दो लाख से अधिक की राशि
मामले का खुलासा तब हुआ जब बैंक के उद्यम धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन प्रणाली ने लेन-देन पर जांच बिठाई। जांच में पता चला कि जिस व्यक्ति की 1992 में मौत हो चुकी है, उसके खाते से बैंक प्रबंधक और विशेष सहायक ने आपसी मिलीभगत से दो लाख से भी अधिक की राशि हड़प ली है। मामले के सामने आने के बाद बैंक के मुख्य प्रबंधक भी हैरान हैं।
1992 में हुई थी मौत
दरअसल, बैंक के जिस खाता धारक की मृत्यु 1992 में हो गई थी, उसका खाता लंबे समय तक लेने.देन ना होने के कारण निष्क्रिय बैंक द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया था।
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बीते मार्च महीने में दोनों अधिकारियों ने जालसाजी कर उक्त खाते को दोबारा सक्रिय कर झूठे दस्तावेजों के आधार पर उसमें जमा दो लाख आठ हजार की राशि निकाल ली। उनकी इस हरकत पर बैंक प्रबंधन भी दंग रह गया।
बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक की शिकायत पर मामला दर्ज
पुलिस ने बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अंकुश रांगटा की शिकायत पर आरोपी बैंक प्रबंधक प्रशासन व सेवा योगेश और विशेष सहायक विजय के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर किया है।
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बैंक प्रबंधन ने दोनों आरोपी बैंक अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। शिमला में धोखाधड़ी की इस घटना ने बैंक के खाता धारकों को भी सकते में डाल दिया है।
क्या कहती है पुलिस
एसपी शिमला संजीव गांधी का कहना है कि पुलिस ने आरोपी बैंक अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है।
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