चंबा। हिमाचल प्रदेश के जिला चंबा में एक पंचायत सचिव को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एक RTI एक्टिविस्ट को गलत जानकारी देना महंगा पड़ गया है। जिसके चलते राज्य मुख्य सूचना आयुक्त ने सचिव पर 25 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। मामला सामने आने के बाद जिले भर में इसकी चर्चाएं हो रही हैं।
समय पर नहीं दी कर्मी ने जानकारी
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, RTI एक्टिविस्ट भगत राम ने 4 फरवरी 2022 को RTI अधिनियम 2005 की धारा 6 (1) के तहत नहर ब्रहमाणी से गांव टिक्कर तक के निर्माण कार्य के मस्टररोल की जानकारी मांगी थी। इस अधिनियम की धारा 7 (1) के अनुसार यह जानकारी 30 दिनों के भीतर देनी अनिवार्य थी। मगर सचिव ने तय समय में यह जानकारी नहीं दी।
RTI एक्टिविस्ट ने दायर की थी अपील
सूचना प्राप्त न होने पर RTI कार्यकर्ता ने पंचायत सचिव को व्हाट्सएप पर संदेश भी भेजा और जानकारी उपलब्ध कराने का आग्रह किया। मगर इसके बावजूद भी सचिव की ओर से उसे कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद RTI एक्टिविस्ट ने विकास खंड अधिकारी मैहला के पास पहली अपील दायर की। जिसमें अनुरोध किया कि सचिव को जानकारी देने के निर्देश दिए जाएं।
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राज्य सूचना आयोग तक लड़ी लड़ाई
जिसके बाद अपील की सुनवाई के लिए 23 अगस्त 2022 की तिथि तय हुई लेकिन कुछ कारणों से उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई। बाद में जब इसकी सुनवाई हुई तो सचिव को जानकारी देने के निर्देश दिए गए परंतु सचिव द्वारा फिर भी जानकारी नहीं दी गई। आखिरकार RTI एक्टिविस्ट भगत राम ने हिमाचल प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दूसरी अपील की।
आयुक्त आरडी धीमान ने लिया एक्शन
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आयोग ने सचिव पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया और निर्देश दिया कि मांगी गई जानकारी अविलंब उपलब्ध करवाई जाए। मामले की पुष्टि करते हुए विकास खंड अधिकारी मैहला रणवीर सिंह ने बताया कि राज्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान ने सचिव पर जुर्माना लगाया है। वहीं, पंचायत सचिव का कहना है कि दूसरी अपील का पत्र उन्हें देरी से मिला और अब वे इस फैसले के खिलाफ अपील कर भी सकते हैं।