शिमला। हिमाचल प्रदेश में ठग अब ठगी के लिए और अधिक खतरनाक पैंतरे अपनाने लगे हैं। साइबर सेल की लगातार चेतावनी के बावजूद पढ़े-लिखे लोग भी इनकी चालों का शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है। जहां एक स्कूल प्रिंसिपल को डीपफेक ऑडियो तकनीक का इस्तेमाल कर डेढ़ लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया।
रिलेटिव बेटे की आवाज में किया फोन
साइबर सेल का मानना है कि, ठगों ने इस बार एक नया तरीका अपनाया। उन्होंने डीपफेक ऑडियो का उपयोग कर रिश्तेदार के बेटे की आवाज में फोन कॉल की।
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फोन पर बताया गया कि पुलिस ने उनके रिश्तेदार के बेटे को गिरफ्तार कर लिया है और उसे छुड़ाने के लिए डेढ़ लाख रुपये की आवश्यकता है। आवाज सुनकर प्रिंसिपल को यह बात सच लगी और उन्होंने ठगों द्वारा दिए गए बैंक खाते में तुरंत पैसे ट्रांसफर कर दिए।
ऐसे हुए ठगी का एहसास
बाद में जब प्रिंसिपल ने अपने रिश्तेदार से संपर्क किया तो उन्हें पता चला कि उनका बेटा सुरक्षित है और उनके पास ही है। उन्हें समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं। इसके बाद उन्होंने तुरंत साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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ऐसे कर रहे डीपफेक ऑडियो तैयार
उधर, डीआईजी सीआईडी मोहित चावला ने बताया कि ठग अब वॉयस सैंपल और मशीन लर्निंग जनरेटिव एआई जैसी तकनीकों का उपयोग कर डीपफेक ऑडियो तैयार कर रहे हैं। यह तकनीक ठगों को वास्तविक लोगों की आवाज की नकल करने और लोगों को धोखा देने का शक्तिशाली साधन प्रदान कर रही है।
इस हेल्पलाइन नंबर पर करें संपर्क
डीआईजी ने जनता से अपील की है कि वे संदिग्ध कॉल या संदेश आने पर सतर्क रहें और तुरंत जांच करें। किसी भी तरह की ठगी के संदेह पर साइबर सेल की हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।
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इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की तुरंत रिपोर्ट करना जरूरी है ताकि ठगों को पकड़कर न्याय दिलाया जा सके।