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October 24, 2024

हिमाचल : सरकारी धन से किया निजी विकास- प्रधान और सचिव को कोर्ट ने सुनाई ऐसी सजा

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शिमला। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ग्राम पंचायत रुसला के पूर्व प्रधान और पूर्व सचिव से 90-90 हजार रुपये वसूल करने का आदेश दिया है। बता दें कि पूर्व प्रधान और पूर्व सचिव की मिलीभगत से 2016 से 2021 के बीच सरकारी धन का दुरुपयोग किया था। जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा था।

मामले को बंद करने के भी आदेश

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान आदेश जारी किए है। खंड विकास अधिकारी चौपाल को यह निर्देश दिए कि वह इन दोनों से वसूली करें और उसके बाद ही मामले को समाप्त करें। मामले की जांच में पाया गया था कि पूर्व प्रधान और पूर्व सचिव ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया। यह भी पढ़ें: हिमाचल में फ्रॉड निकला तांत्रिक, बुरी शक्तियों का डर दिखाकर लोगों से लूटे 7 लाख

क्या है आरोप

आरोप है कि इस धन का उपयोग कुछ सरकारी नौकरी में लगे व्यक्तियों के व्यक्तिगत कामों के लिए किया गया, जिसमें टैंक की सुविधा और व्यक्तिगत रास्ते बनवाने जैसे कार्य शामिल थे। प्रार्थी राम लोथता ने दावा किया कि ऐसी योजनाएं केवल मनरेगा के अंतर्गत आने वाले लोगों के लिए लागू की जाती हैं, जिसके लिए मनरेगा कार्ड होना आवश्यक है। यह भी पढ़ें: हिमाचल में थप्पड़कांड- हाउस मीटिंग में दौड़ती आई महिला प्रधान, BDC का कर दिया गाल लाल प्रार्थी ने इस मामले की जानकारी जिलाधीश शिमला को लीगल नोटिस भेजकर दी, लेकिन 11 अप्रैल 2023 को जारी आदेशों के बावजूद किसी कार्रवाई का न होना प्रार्थी के लिए चिंता का विषय बन गया।

90-90 हजार वसूली के आदेश

इसके बाद, प्रार्थी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। बता दें कि याचिका दाखिल करने के बाद कार्रवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने पूर्व पंचायत सचिव और पूर्व प्रधान को जिम्मेदार ठहराते हुए 90-90 हजार रुपये वसूलने के आदेश पारित किए गए। इसके साथ ही, पूर्व पंचायत सचिव और दो ग्राम सेवकों पर 1000 रुपये के हिसाब से जुर्माना भी लगाया गया। हाई कोर्ट ने मामले में खंड विकास अधिकारी द्वारा जारी आदेशों के बाद याचिका को बंद कर दिया, लेकिन वसूली पूरी होने तक मामले को समाप्त करने से रोका गया।

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