शिमला। हिमाचल में बढ़ रहे नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। पुलिस ने एक साथ 42 जगहों पर छापेमारी की और लाखों का नशा पकड़ा है। इसके साथ ही कई आरोपियों के साथ वाहनों को भी जब्त किया है। पुलिस की इतनी बड़ी कार्रवाई से नशा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
42 टीमें बनाकर 42 स्थानों पर दी दबिश
दरअसल हिमाचल पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 42 टीमों का गठन किया और एक साथ 42 जगहों पर छापेमारी की। जिसमें बड़ी मात्रा में जहां मादम पदार्थ जब्त किए गए, वहीं आठ आरोपियों को भी हिरासत में लिया है। इस ऑपरेशन के बाद पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत आठ मामले भी दर्ज किए हैं।
एक साथ दिया बड़े ऑपरेशन को अंजाम
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अवैध नशे का कारोबार करने के लिए एक साथ इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। प्रदेश में पहली बार 42 टीमों ने 42 स्थानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत 5 किलोग्राम पोपी हस्क और 25 ग्राम हेरोइन जब्त की, वहीं आठ वाहनों को भी पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है।
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कांगड़ा में 8 जगह, नूरपुर में 10 जगह मारी रेड
पुलिस ने यह छापेमारी 15 सितंबर को कांगड़ा, नूरपुर, चंबा, ऊना और बिलासपुर जिला में की। पुलिस ने कांगड़ा जिला में 8 जगह छापेमारी की। वहीं नूरपुर पुलिस जिला में 10 जगह दबिश दी गई। इसी तरह से चंबा में 7 जगह, ऊना में 6 और बिलासपुर में 11 स्थानों पर पुलिस ने एक साथ रेड की।
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तीन वाहनों को भी कब्जे में लिया
जिसके तहत पुलिस ने चार मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत और चार मामले एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज किए हैं। इस दौरान पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल 3 वाहन भी अपने कब्जे में लिए हैं। इस कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध का घर सरकारी भूमि पर पाया गया, इसे लेकर आगामी कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन को सूचित कर दिया गया है।
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अब की जाएगी नशा तस्करी के प्रमुखों की पहचान
प्रदेश पुलिस की विशेष टीम अब तलाशी के दौरान जब्त डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जांच करने में जुट गई है। ताकि इस अवैध कारोबार के आगामी एवं प्रतिगामी संबंधों का पता लगाया जा सके और प्रमुख अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाया जा सके।
मोबाइल फोरेंसिक जांच के परिणामों को भी गहराई से देखा जाएगा। एक साथ 42 जगहों पर छापेमारी का मुख्य उद्देश्य मादक पदार्थों की जब्ती और बड़े तस्करी तंत्र को खत्म करना है। इसके साथ ही साक्ष्य जुटाना और नशे के प्रमुख संचालकों की पहचान करना और उनकी संपत्तियों का पता लगाना था।