सोलन। आगरा में एक फैक्ट्री से बरामद नकली दवाओं के सिंडिकेट में नई परतें निकल कर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आगरा में बन रही नकली दवाओं के तार हिमाच से भी जुड़े है। इस पूरे मामले में 10 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुख्य सरगना विजय गोयल और नरेंद्र शर्मा शामिल हैं।
हिमाचल से लाई गई थी मशीनें
अजमेर से हिमाचल तक फैले इस मामले में एएनटीएफ, पुलिस कमिश्नरेट और ड्रग विभाग की संयुक्त कार्रवाई में लगभग 8 करोड़ रुपये का माल जब्त किया गया है। वही, पूछताछ में पता चला कि फैक्ट्री में 16 मशीनें लगी थीं, जो हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित मां वैष्णों फार्मा के संचालक से खरीदी गई थीं।
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3 करोड़ की है मशीनें
बता दें कि इन मशीनों की कुल कीमत लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये है। मशीनें पार्ट्स में लाई जाती थीं और विशेष टेक्नीशियन द्वारा असेंबल की जाती थीं, जो आम टेक्नीशियन नहीं होते। विजय गोयल ने बताया कि रॉ मैटीरियल हिमाचल प्रदेश से प्राप्त होता है, जहां दवा फैक्ट्रियों की भरपूर संख्या है। यहां तक कि कई दवाओं के सॉल्ट सीधे मिल जाते हैं। यही फर्म मशीनरी असेंबल करने के लिए टेक्नीशियन भी उपलब्ध कराती है। एएनटीएफ अब हिमाचल के गुप्ता जी की तलाश कर रही है।
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इतनी तादाद में मिली नकली दवा
फैक्ट्री से मिली दवाओं में 4,610 स्ट्रिप मोंटी फेयर एफएक्स, 42,210 प्रोक्सीविल, और 1,22,400 एल्प्रासेफ की स्ट्रिप शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 499 किलो एल्प्रासेफ टैबलेट और अन्य दवाओं की मात्रा भी बरामद की गई है। इन दवाओं में एंटी एलर्जिक, नींद की दवाएं और पेन किलर शामिल हैं।
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सैंपलिंग और जांच
वहीं, ड्रग विभाग ने 9 दवाओं के सैंपल लिए हैं, जो लैब में जांच के लिए भेजे गए हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ये दवाएं मानव स्वास्थ्य के लिए कितनी सुरक्षित हैं।
बता दें कि यह सिंडिकेट आगरा, सहारनपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, और अजमेर जैसे क्षेत्रों में सक्रिय था।
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पुलिस कर रही जांच
उधर, पुलिस अब इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क की जांच कर रही है। मुख्य सरगना विजय गोयल पहले भी नारकोटिक्स मामलों में जेल जा चुका है और हाल ही में जेल से छूटकर वापस आया है। चार महीने पहले ही उसने आगरा में यह फैक्ट्री खोली थी, और इसके संचालन का प्रबंधन नरेंद्र शर्मा के पास था।