शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला में हाल ही में एक होटल में बीफ लाने की शिकायत ने शहर में धार्मिक और सामाजिक विवाद को जन्म दे दिया है। इस मामले ने स्थानीय समुदायों के बीच तनाव पैदा कर दिया है और पुलिस को तत्काल जांच करने के लिए मजबूर किया है। इसी कड़ी में पुलिस ने होटल में पहुंच जांच की थी।
नहीं मिले बीफ के प्रमाण
शिकायत के अनुसार, होटल में काम करने वाले एक कर्मचारी ने पुलिस को सूचना दी थी कि विशेष समुदाय के कुछ युवक होटल में बीफ लाते हैं। इस सूचना के बाद पुलिस ने घटना की गंभीरता को देखते हुए होटल पहुंचकर जांच शुरू की। हालांकि, प्रारंभिक जांच में पुलिस ने यह पुष्टि की कि होटल में बीफ का कोई प्रमाण नहीं मिला।
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पुलिस कर रही पूछताछ
बता दें कि पुलिस ने होटल प्रबंधन और कर्मचारियों से पूछताछ की है और अब तक की जांच में किसी भी तरह की अवैध गतिविधि की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन इस मामले ने एक नया मोड़ लिया जब दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इन वीडियो में विशेष समुदाय के युवक गाय के पांव छूकर माफी मांगते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य साम्प्रदायिक तनाव को और बढ़ा सकता है और स्थानीय लोगों में चिंता पैदा कर रहा है।
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हिंदू संगठन नाराज
उधर, हिंदू जागरण मंच के नेता कमल गौतम ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नवरात्र के दौरान बीफ लाना हिंदू समुदाय की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि होटल में काम करने वाले हिंदू कर्मचारियों ने इस मामले का विरोध किया था। गौतम का कहना था कि दोनों युवक जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं और घटना के बाद से फरार हैं।
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पुलिस सोशल मीडिया पर रख रही नजर
इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी नजर रखने का निर्णय लिया है ताकि किसी भी तरह के सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने मामले को और जटिल बना दिया है जिससे यह संभावना बढ़ गई है कि इसे सांप्रदायिक रंग दिया जा सकता है।
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शिमला में एक और विवाद
स्थानीय समुदाय में इस मुद्दे को लेकर काफी चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ मानते हैं, जबकि अन्य इसे एक सामान्य विवाद के रूप में देखते हैं। होटल के प्रबंधन ने भी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है और यह स्पष्ट किया है कि उनकी नीति सभी धर्मों का सम्मान करना है। इस विवाद ने शिमला में संवेदनशील सामाजिक मुद्दों को फिर से उभार दिया है।
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इस प्रकार के मामले अक्सर स्थानीय समुदायों के बीच संवाद और समझ को प्रभावित करते हैं। इसलिए पुलिस और स्थानीय नेता दोनों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि स्थिति को शांत रखा जाए और किसी भी तरह के भड़काऊ बयानों से बचा जाए।
पुलिस जांच रखेगी जारी
जानकारी के अनुसार, पुलिस मामले की जांच जारी रखेगी और अन्य संबंधित लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। स्थानीय समुदाय के बीच संवाद और समन्वय बनाए रखना इस समय महत्वपूर्ण होगा ताकि कोई भी गलतफहमी न बढ़े और सामाजिक सद्भाव बना रहे। सभी समुदायों के बीच शांति बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करने में पुलिस जुटी हुई है।